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राजस्थान

राजस्थान में नहीं थम रही है कांग्रेस में रार, सचिन पायलट फिर से मैदान में उतरे

जयपुर: राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव है, लेकिन कांग्रेस फिलहाल बीजेपी से मुकाबले के बजाय अपने ही घर की जंग में फंसी हुई है. सचिन पायलट फिर से मैदान में उतर गए हैं और खुद की इस जंग को सच्चाई की लड़ाई बताया है. सचिन पायलट ने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि सच्चाई कि राह में रुकावटें आएंगी लेकिन जो जनता के दिलों पर राज करेगा वहीं आगे बढ़ेगा. दूसरी तरफ गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सचिन पायलट का असर रोकने के लिए आज से विधायकों से ‘वन टू वन’ मुलाकात कर रहे हैं. पूछ रहे हैं आपके या सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर कितनी है और चुनाव कैसे जीतेंगे.

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सचिन पायलट आज दिल्ली से जयपुर के शाहपुरा पहुंचे तो समर्थकों का हूजूम उमड़ पड़ा. उन्होंने एक धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत की. शाहपुरा के बाद पायलट झुंझुनू के खेतड़ी में शहीद श्योराम की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में पहुंचे. बताया जा रहा कि इन रैलियों में भाग लेकर पायलट अपनी ताकत का प्रदर्शन करना चाह रहे हैं. सचिन पायलट को मजबूती उस वक्त मिली जब गुजरात कांग्रेस के प्रभारी और विधायक रघु शर्मा भी उनके समर्थन में उतर आए. रघु शर्मा के पायलट के समर्थन के बाद गहलोत कैंप से जुड़े राजस्थान सरकार में राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने पायलट पर अटैक किया है. 

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वहीं, जैसे ही पायलट ने रैलियों का कार्यक्रम बनाया, उधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों से ‘वन-टू-वन’ जाकर फीड बैक कार्यक्रम शुरू कर दिया. संभागवार आज से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा विधायकों से वन टू वन मिल कर पूछ रहे हैं कि चुनाव कैसे जीतेंगे. एक प्रोफार्मा विधायकों से भरवाया जा रहा है जिसमें 13 सवाल पूछे जा रहे हैं. न्यूज़ 18 इंडिया के पास कांग्रेस का ये ‘प्रोफार्मा’ उपलब्ध है. बताया जा रहा है कि पायलट गहलोत के इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए थे. 

मालूम हो कि कांग्रेस आलाकमान ने कमलनाथ को गहलोत और पायलट के बीच गतिरोध को हल करने का जिम्मा दिया था. लेकिन अभी तक समाधान नहीं निकल पाया है. पायलट सत्ता और संगठन के फैसलों में पार्टी के सीनियर नेताओं की भागीदारी चाहते हैं जबकि गहलोत इसे मानने को तैयार नहीं हैं.

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