All for Joomla All for Webmasters
जरूरी खबर

Old Pension पर अपना फैसला वापस लेगी सरकार, लाखों कर्मचार‍ियों की बदलेगी क‍िस्‍मत

OPS: राजस्‍थान, पंजाब, ह‍िमाचल प्रदेश, छत्‍तीसगढ़ और झारखंड सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के बाद केंद्र सरकार को सूच‍ित क‍िया गया है. साथ ही इन राज्‍य सरकारों ने एनपीएस (NPS) का पैसा केंद्र से वापस मांगा है.

National Pension System: कई राज्‍यों के सरकारी कर्मचार‍ियों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना (Old Pensioin Yojana) को लागू करने की मांग की जा रही है. राजस्‍थान, पंजाब, ह‍िमाचल प्रदेश, छत्‍तीसगढ़ और झारखंड सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के बाद केंद्र सरकार को सूच‍ित क‍िया गया है. साथ ही इन राज्‍य सरकारों ने एनपीएस (NPS) का पैसा केंद्र से वापस मांगा है. लेकिन मोदी सरकार ने इस पैसे को देने से इंकार कर द‍िया है. राजस्‍थान की अशोक गहलोत सरकार राज्‍य विधानसभा चुनाव से पहले ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को बड़ा मुद्दा बनाने में जुटी है.

ये भी पढ़ें:ITR Filing: नौकरीपेशा लोगों के लिए जरूरी जानकारी, इस तारीख तक आएगा फॉर्म 16, जानिए सभी काम की बातें

अप्रैल 2022 में ओपीएस को बहाल किया गया

पुरानी पेंशन का मुद्दा राजस्थान के अलावा दूसरे चुनावी राज्यों में भी विस चुनाव से पहले महत्‍वपूर्ण हो गया है. राजस्थान सरकार की तरफ से अप्रैल 2022 में ओपीएस को बहाल किया गया था. इसके बाद बाकी राज्‍यों में ओपीएस (OPS) को लागू क‍िया गया. कई राज्यों में कर्मचारी संगठनों ने संबंध‍ित सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है. हालांक‍ि केंद्र सरकार ने एनपीएस पर विचार करने से साफ इनकार किया था. लेकिन एक समिति बनाकर नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को कर्मचारियों के अनुकूल बनाने पर विचार क‍िया जा रहा है.

ये भी पढ़ें:– अक्षय तृतीया पर मालामाल होंगे सोने-चांदी के कारोबारी! लगातार बढ़ रही हैं कीमते

ब्याज जोड़कर कुल 40,157 करोड़ रुपये हुआ
आपको बता दें राष्‍ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रत‍िशत राज्य सरकार की तरफ से जमा किया जाता है. राजस्थान में ओपीएस के 5,24,72 ओपीएस अकाउंट हैं. इनमें सरकार की तरफ से 14,171 करोड़ और कर्मचारियों की तरफ से 14,167 करोड़ रुपये जमा क‍िए गए. ब्याज जोड़कर यह पैसा 40,157 करोड़ रुपये होता है. राज्य सरकार की तरफ से 19 मई 2022 को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया क‍ि कर्मचारियों को एनपीएस के अंशदान को ब्याज समेत राज्य सरकार को लौटाना होगा.

ये भी पढ़ें:युवा बैटर की रोहित शर्मा ने की तारीफ, सुखद फ्यूचर के दिए संकेत, बोले- हम उन्हें कुछ अलग…

केंद्र सरकार की आपत्तियों से बचा जा सकेगा
अब जब केंद्र ने इससे साफ इंकार कर द‍िया है तो राज्य सरकार नोटिफिकेशन में बदलाव करने का प्‍लान कर रही है. इससे केंद्र सरकार से आने वाली आपत्तियों से बचा जा सकेगा. वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह पैसा कर्मचारियों का है, इसलिए राज्य सरकार उसे अपने राजस्व में नहीं दिखा सकती है. इसके बजाय, सरकार पीएफआरडीए (PFRDA) से 14000 करोड़ रुपये के अंशदान को एनपीएस में जमा करने की मांग करेगी. सरकार कर्मचारियों की तरफ से द‍िए गए अंशदान को जीपीएफ में जमा कराएगी, ज‍िसे 2021 में शुरू किया गया था.

जनवरी 2004 के बाद नियुक्त हुए 5.24 लाख कर्मचारियों में से 3554 एक साल पहले रिटायर हो चुके हैं. ऐसे कर्मचार‍ियों को पेंशन का फायदा नहीं मिल पाया है. केंद्र सरकार की तरफ से पहले ही साफ क‍िया जा चुका है क‍ि एनपीएस में जमा पैसे को राज्य सरकारों को वापस नहीं क‍िया जाएगा.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top