मुजफ्फरपुर के PNT चौक पर ‘देहाती जरा हटके’ स्टॉल लगाने वाले सुजीत कुमार बताते हैं कि यहां के लिए वड़ा पाव का क्रेज नया है. लेकिन इसके बावजूद, लोग यहां आकर वड़ा पाव खाना पसंद करते हैं. कई लोग इसे बर्गर जैसा समझते हैं, लेकिन दोनों में बड़ा अंतर है. उनके अनुसार बर्गर के लिए आलू टिक्की का इस्तेमाल किया जाता है. जबकि, वड़ा पाव के लिए आलू के बड़े टुकड़े का इस्तेमाल किया जाता है
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मुजफ्फरपुर के PNT चौक पर ‘देहाती जरा हटके’ स्टॉल लगाने वाले सुजीत कुमार बताते हैं कि यहां के लिए वड़ा पाव का क्रेज नया है. लेकिन इसके बावजूद, लोग यहां आकर वड़ा पाव खाना पसंद करते हैं. कई लोग इसे बर्गर जैसा समझते हैं, लेकिन दोनों में बड़ा अंतर है. उनके अनुसार बर्गर के लिए आलू टिक्की का इस्तेमाल किया जाता है. जबकि, वड़ा पाव के लिए आलू के बड़े टुकड़े का इस्तेमाल किया जाता है
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न्यूज़ 18 लोकल से बातचीत में सुजीत ने बताया कि उनके वड़ा पाव की कीमत 20 रुपये है. इसे खा कर लोगों की भूख मिट जाती है. उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने मुंबई में काम किया है. वहां उन्होंने देखा कि लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में वड़ा पाव का बहुत योगदान है. लोग वड़ा पाव खा कर दफ्तर चले जाते हैं. दफ्तर से लौटते वक्त भी वड़ा पाव खाते हैं. सुजीत अभी रोजाना 80 से 100 वड़ा पाव बेच रहे हैं.