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मध्य प्रदेश

MP News: अब आदिवासियों को साधने में जुटी पार्टियां, बिरसा मुंडा को लेकर कांग्रेस का बड़ा फैसला

MP Political News: मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों ने प्रदेश के हर वर्ग को साधने की तैयारी कर ली है. इस बीच कांग्रेस ने भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि मनाने का फैसला लिया है.

भोपाल/प्रिया पांडे: विधानसभा चुनाव 2023 से पहले राज्य के हर वर्ग को साधने के लिए BJP और कांग्रेस एड़ी-चोंटी का जोर लगा रही हैं. दोनों ही पार्टियां इस साल होने वाले चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं. ऐसे में महिलाओं और युवाओं को साधने के बाद अब प्रदेश के बड़े वोट बैंक आदिवासी पर पार्टियों की नजर पहुंच गई है. यही कारण है कि बिरसा मुंडी की पुण्यतिथि की मौके पर 9 जून को कांग्रेस ने आदिवासी सीटों पर चुनाव प्रचार का शंखनाद करने का फैसला लिया है.

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कांग्रेस मनाएगी भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि
प्रदेश में कांग्रेस-BJP आदिवासियों के सहारे सत्ता पाने की तैयारी में जुट गई है. यही कारण है कि BJP के बाद कांग्रेस ने भी आदिवासी क्षेत्रों में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. इसके अलावा पार्टी ने भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि मनाने का फैसला लिया है.  कांग्रेस 9 जून को हरसूद से चुनावी शंखनाद करेगी. हरसूद विधानसभा क्षेत्र से आदिवासी सीटों पर चुनाव प्रचार का आगाज किया जाएगा. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जनसभा को संबोधित करेंगे.

हाल ही में झाबुआ में थे CM शिवराज
कांग्रेस से पहले BJP भी इस वर्ग को साधने में जुट चुकी है.  5 जून को आदिवासी क्षेत्र झाबुआ में CM शिवराज एक सम्मेलन में शामिल हुए थे. ये सम्मेलन लाडली बहना योजना को लेकर आयोजित किया गया था. इसके अलावा उन्होंने वोटर्स को साधने की कोशिश भी थे. CM शिवराज ने झाबुआ में रात्रि विश्राम भी किया था. इसी दौरान 5 जून को ही ही BJP प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा पन्ना जिले के दौरे पर पहुंचे थे. 

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बिरसा मुंडा जयंती पर शिवराज सरकार का बड़ा एलान 
CM शिवराज सिंह पहले ही बिरसा मुंडा की जयंती यानी 15 नवंबर को ऐच्छिक अवकाश का एलान कर चुके हैं. इसके अलावा हाल ही आदिवासियों को लिए पेसा एक्ट भी लागू किया गया है. बता दें कि प्रदेश में हमेशा से ही सत्ता के ताले की चाबी आदिवासियों के हाथ में रही है. यही वजह है कि दोनों ही पार्टियां चुनावी साल में आदिवासी वर्ग को साधने में जुटी हैं.

प्रदेश में 21% आदिवासी आबादी
साल 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक प्रदेश में करीब 21% है आदिवासी आबादी है यानी आदिवासियों की जनसंख्या पौने दो करोड़ है. 

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