Ashtdhatu Idol: हथुआ थाने के बरी रायभान स्थित चंवर में तालाब की खुदाई के दौरान अष्टधातु की प्रतिमा मिली है. पुलिस ने मूर्ति को में ले लिया है. 13 फरवरी 2018 को गांव के ठाकुरबारी मंदिर से तीन मूर्तियां चोरी हुई थीं. यह मूर्ति उन्हीं 3 में से एक है.
गोविंद कुमार/गोपालगंज. राधा-कृष्ण की मंदिर से पांच साल पहले चोरी हुई अष्टधातु की मूर्ति तालाब की खुदाई के दौरान बरामद हुई है. हथुआ थाने के बरी रायभान स्थित चंवर में तालाब की खुदाई के दौरान अष्टधातु की प्रतिमा मिली है. यह खबर आग की तरह फैल गई और बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए. गांव में लोगों ने मूर्ति की पूजा-अर्चना शुरू कर दी. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मूर्ति को जब्त कर लिया. मूर्ति के बारे में बताया जा रहा है कि 13 फरवरी 2018 को गांव के ठाकुरबारी मंदिर से तीन मूर्तियां चोरी हुई थीं.
ये भी पढ़ें– US China: अमेरिका ने अब चीन से छीन लिया ये दर्जा, खुद सस्ता कर्ज लेकर गरीब देशों को जाल में फंसा रहे थे शी जिनपिंग!
ग्रामीण विपिन बिहारी श्रीवास्तव ने हथुआ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. पोखरे से मिली मूर्ति ठाकुरबारी मंदिर से चोरी गईं 3 मूर्तियों में से एक है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब मूर्ति को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया, तो गांव के लोग दो पक्ष में बंट गए. एक पक्ष का कहना था कि मूर्ति की चोरी मंदिर से हुई है. इसलिए यह मूर्ति कानूनी प्रकिया को पूरी कर मंदिर में स्थापित होनी चाहिए. वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि मूर्ति पोखरे से मिली है और ग्रामीणों ने इसकी स्थापना गांव में कर दी है, इसलिए मूर्ति अब यहीं रहेगी. मौके पर पहुंचे हथुआ इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने मूर्ति जब्त कर वरीय अधिकारियों को सूचना दी.
ये भी पढ़ें– COVID-19 in China: कोरोना ने फिर चीन को डराया, मई में 40 फीसदी तक पहुंचा कोविड पॉजिटिव टेस्ट रेट
दो और मूर्तियों की तलाश
एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि मूर्ति को कानूनी प्रक्रिया पूरी कराने के बाद फिर से मंदिर में विधि-विधान के साथ स्थापित कराई जाएगी. वहीं, एसपी ने अन्य दो मूर्तियों की बरामदगी के लिए पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. एसपी ने बताया कि पांच साल पहले मूर्ति की चोरी हो गई थी, जिसे बरामद करने के बाद फिर से मंदिर में स्थापित कराने की प्रक्रिया को लेकर पुलिस कार्रवाई कर रही है. इसमें ग्रामीणों से भी सहयोग अपेक्षित है.