All for Joomla All for Webmasters
जरूरी खबर

प्रिंटिंग प्रेस से छपकर RBI तक नहीं पहुंचे 88,000 करोड़ रुपये, बीच में हुए गायब; RTI में बड़ा खुलासा

RTI में इस बात का खुलासा हुआ है कि प्रिंटिंग प्रेस में 500 रुपये के नोट प्रिंट तो किए गए, लेकिन सभी नोट RBI तक नहीं पहुंचे. बीच रास्ते में ही गायब हो गए.

1999-2010 के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) में 339.95 मिलियन नोट अधिक जमा किए जाने का मामला सामने आया था. उस समय जितने नोट जमा किए गए थे, उनकी संख्या प्रिंटिंग प्रेसों द्वारा प्रिंट किए गए नोटों से कहीं अधिक थी. लेकिन, इस बार का मामला बिल्कुल उसके उलट है. इस बार प्रिंटिंग प्रेस ने 500 रुपये के नए डिजाइन के 8,810.65 मिलियन नोट जारी किए, लेकिन आरबीआई के तक केवल 7,260 मिलियन नोट ही पहुंचे. बड़ी संख्या में नोट बीच में ही गायब हो गए हैं.

ये भी पढ़ेंIncome Tax का समय पर चाहिए रिटर्न तो इन बैंकों में खोलें खाता, आयकर की वेबसाइट पर लिस्ट में शामिल ये नाम

गायब हुए नोटों का वैल्यू 88,032 करोड़

फ्री प्रेस जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है कि मिसिंग नोट कहां गए. अप्रैल 2015 और मार्च 2016 के बीच नासिक प्रिंटिंग प्रेस से प्रिंट किए गए 500 रुपये के नए 1,760.65 मिलियन नोट रहस्यमय तरीके से गायब हो गए हैं, जिनके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है. गायब हुए नोटों का मूल्य 88,032.5 करोड़ रुपये है.

RBI प्रवक्ता ने कमेंट करने से किया इनकार

फ्री प्रेस जर्नल की तरफ से इसके बारे में कई बार जानकारी करने की कोशिश की गई, लेकिन आरबीआई के प्रवक्ता ने गायब नोटों पर कमेंट करने से इनकार कर दिया.

कहां प्रिंट किए जाते हैं नोट?

ये भी पढ़ें– Aadhaar Card इस्तेमाल करते समय बरतें ये पांच सावधानियां, कभी नहीं होगी धोखाधड़ी

नोट प्रिंट करने वाले भारत के तीन सरकारी प्रिंटिंग प्रेस- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नोट प्रिंटिंग (पी) लिमिटेड, बेंगलुरु, करेंसी नोट प्रेस, नासिक और देवास में बैंक नोट प्रिंट किए जाते हैं, जिसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में आगे डिस्ट्रीब्यूशन के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भेजा जाता है.

RTI से हुआ नोट गायब होने का खुलासा

RTI एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने सूचना के अधिकार के तहत जो डेटा हासिल किया है, उसमें नासिक प्रिंटिंग प्रेस की तरफ से बताया गया है कि 500 रुपये के 375.45 मिलियन नए नोट प्रिंट किए गए थे. लेकिन आरबीआई के रिकॉर्ड में अप्रैल 2015 और दिसंबर 2016 के बीच केवल 345.00 मिलियन नोट पहुंचे. पिछले महीने एक अन्य आरटीआई के जवाब में, करेंसी नोट प्रेस, नासिक ने बताया कि फाइनेंशियल ईयर 2015-2016 (अप्रैल 2015-मार्च 2016) के लिए 500 रुपये के 210.00 मिलियन नोट आरबीआई को सप्लाई किए गए थे. उस समय रघुराम राजन आरबीआई गवर्नर थे.

कहां गायब हुए 500 के इतने नोट?

नासिक प्रिंटिंग प्रेस ने बताया है कि 500 रुपये के नए नोट केंद्रीय बैंक को सप्लाई किए गए थे. लेकिन आरबीआई की सालाना रिपोर्ट में सार्वजनिक डोमेन करेंसी मैनेजमेंट में नए नोट प्राप्त करने के बारे में कोई जानकारी नहीं उपलब्ध है. करेंसी नोट प्रेस, नासिक द्वारा सप्लाई किए गए नए नोट के बारे में कहा गया है कि 2016-2017 में 500 रुपये के नए डिजाइन के 1,662.00 मिलियन नोट आरबीआई को सप्लाई किए गए थे.

ये भी पढ़ें हेल्दी स्नैक्स खाने का मन है तो ट्राई करें वेज मोमोज, बनाने का ये तरीका है काफी ईज़ी, हर कोई करेगा तारीफ

RBI तक नहीं पहुंचे सभी 500 के नोट

भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड, बेंगलुरु ने आरबीआई को 500 रुपये के 5,195.65 मिलियन नोट की सप्लाई की और बैंक नोट प्रेस, देवास ने 2016-2017 में आरबीआई को 1,953.00 मिलियन नोट की सप्लाई की. लेकिन आरबीआई को तीनों प्रिंटिंग प्रेस से नए डिजाइन के 500 रुपये के 7,260 मिलियन नोट ही मिले, जिसमें एक बड़ा अंतर दिखाई देता है. 500 रुपये के नए नोट जो नई तरह से डिजाइन किए गए थे, तीनों सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में 8,810.65 मिलियन नोट प्रिंट किए गए थे. लेकिन आरबीआई तक केवल 7260 मिलियन नोट पहुंचे.

इतनी संख्या में नोट गायब होना कोई मजाक नहीं

फ्री प्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, शीर्ष बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान के प्रति उदासीनता बरत रहा है. नोट प्रिंट करने के सरकारी प्रिंटिंग प्रेस द्वारा प्रिंट किए गए हायर वैल्यू वाले नोटों और आरबीआई को मिले कुल नोटों में बड़ा अंतर दिखाई देता है. लापता 1,760.65 मिलियन नोट कोई मज़ाक नहीं है. यह हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था और इसकी स्थिरता के बारे में सुरक्षा चिंताओं को बढ़ाता है.

बचाव में उतरे RBI अधिकारी

फ्री प्रेस की खबर के मुताबिक, RTI एक्टिविस्ट ने केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेंट को तीनों प्रिंटिंग प्रेस में प्रिंट किए गए लाखों हायर वैल्यू के नोटों की प्रिंटिंग और सप्लाई के बीच जो गैप है उसकी जांच करने के लिए लिखा है. हालांकि, आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने नोटों की प्रिंटिंग और सप्लाई के लिए विशाल लॉजिस्टिक्स का हवाला देते हुए इस मिसमैच का बचाव किया है. लेकिन, यह बात समझ से परे है कि नोटों को आरबीआई तक पहुंचने में इतना समय कैसे लग सकता है?

ये भी पढ़ेंRs 500 Note: छपे पर RBI को नहीं मिले 88 हजार करोड़ रुपये के 500 के नोट, RTI में बड़ा खुलासा!

नेता विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने आरोप लगाया है कि नासिक, देवास और बेंगलुरु में केंद्र सरकार की करेंसी प्रिंटिंग प्रेस से प्रिंट किए गए 500 रुपये के अरबों के नोट गायब हो गए हैं. 2016 में करेंसी प्रिंटिंग प्रेस में नोट प्रिंट किए गए, लेकिन वह सरकार के खजाने में नहीं पहुंचे, उन्होंने एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के हवाले से ये आरोप लगाया है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top