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जुर्म

वाह री मध्‍य प्रदेश पुलिस! बेटे को ही बना दिया मां का कातिल, दिलवा दी उम्रकैद, राज खुला तो सब हैरान

MP News: अनूपपुर जिले की पुलिस ने साल 2018 में एक बेटे को मां का हत्यारा बताकर उसे जिला अदालत से उम्र कैद की सजा दिलवाई. लेकिन, अब जबलपुर हाई कोर्ट में पुलिस का असली चेहरा सामने आ गया. पुलिस ने पुरानी खुन्नस निकालने के लिए जानबूझकर तथ्यों से छेड़छाड़ की और युवक को फंसाया था. हाई कोर्ट ने युवक को बरी कर दिया है.

जबलपुर. जबलपुर से आई यह खबर सभी के कान खड़े कर देने वाली खबर है. इस खबर के बाद किसी का भी मध्य प्रदेश पुलिस से भरोसा उठ जाएगा. दरअसल, प्रदेश के अनूपपुर जिले की पुलिस ने एक निर्दोष बेटे को ही उसकी मां का हत्यारा बना दिया. जिला अदालत से बाकायदा उसे उम्र कैद की सजा भी हो गई. पुलिस की इस करतूत का पर्दा उस वक्त फाश हुआ, जब जबलपुर हाई कोर्ट में इस केस की सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने तक तक मामला जानने के बाद बेटे को दोष मुक्त कर दिया. युवक अब उसे झूठे केस में फंसाने वाले पुलिसकर्मियों पर मानहानि का केस करेगा. वह खुद को मुआवजा दिलाने और दोषियों को सख्त कानूनी सजा देने की अपील करेगा.

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पीड़ित युवक की वकील अंजना कुररिया ने बताया कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अनूपपुर पुलिस की षड्यंत्रकारी और शर्मनाक करतूत को उजागर किया है. हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए मां की हत्या के आरोप में सजा काट रहे सुदामा सिंह को आजीवन कारावास से मुक्त कर दिया. जानकारी के मुताबिक सितंबर 2018 में अनूपपुर पुलिस ने फर्जी साक्ष्य जुटाए. उसने सुदामा को उसकी मां का कातिल बनाकर जिला अदालत में पेश किया. यहां सुनवाई के बाद जिला अदालत ने पुलिस द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों की गहराई से पड़ताल नही की. उसने सुदामा को आजीवन कारावास की सजा सुना दी. इसके बाद सुदामा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. उसने इस याचिका में खुद को निर्दोष बताया था.

हाई कोर्ट में सामने आई चौंकाने वाली कहानी
हाई कोर्ट ने सुदामा की याचिका पर जांच करवाई तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई. दरअसल, अनूपपुर में एक पावर प्लांट में हुए प्रदर्शन हुआ था. उस दौरान पुलिस पर भी हमला हुआ था. इस हमले में पुलिस ने सुदामा को भी आरोपी बनाया था. पुलिस ने सुदामा पर बारीकी से नजर रखी. जब सुदामा की मां की मौत हुई तो पुलिस ने षड्यंत्र रचा. पुलिस ने उससे बदला लेने के लिए गलत साक्ष्य बनाए. इस तरह पुलिस ने सुदामा को उसकी मां का कातिल बना दिया. पुलिस ने कहानी बनाई कि सुदामा की मां के किसी से अवैध संबंध थे. इसके चलते उसने मां को मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने सुदामा के सिर के बाल उखाड़कर उसकी मृत मां के हाथ में रख दिए थे.

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पुलिस पर करेंगे केस- वकील
दूसरी ओर, अनूपपुर की जिला अदालत ने इन साक्ष्यों और पुलिस की कहानी की पड़ताल किए बिना ही सुदामा को सजा सुना दी. इस मामले को लेकर सुदामा की वकील अंजना कुररिया का कहना है कि यह एक बेहद गंभीर मामला है. इसमें न्याय दिलाने की बजाय पुलिस ने एक निर्दोष को न सिर्फ अपराधी बनाया, बल्कि एक महिला की मौत के बाद उसका चरित्र हनन भी किया है. सुदामा के न्याय की यह लड़ाई यहीं खत्म नहीं होगी. मैं इस कोर्ट में सुदामा को झूठे केस में फंसाने वाले पुलिसकर्मियों पर मानहानि का केस करूंगी. उसे मुआवजा दिलाने और दोषियों को कानूनी सजा दिलाने की अपील करूंगी.

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