Rs 2000 Note: RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि 2000 के दो तिहाई से ज्यादा नोट बैंकों में वापस आ गए हैं. 8 जून तक 50 फीसदी नोट बैंकों में वापस आए थे. इसका इकोनॉमी पर कोई विपरीत असर नहीं होगा.
Rs 2000 Note Latest Update: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बताया कि चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट वापस लेने के निर्णय के एक महीने के भीतर कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये में से दो तिहाई से ज्यादा (2.41 लाख करोड़ रुपये से अधिक) नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 2,000 रुपये के नोट वापस लेने का इकोनॉमी पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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19 मई को 2,000 के नोट वापस लेने का आया फैसला
केंद्रीय बैंक ने 19 मई को अचानक से 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने का निर्णय किया था. लोगों से बैंक जाकर 30 सितंबर तक 2,000 रुपये के नोट अपने खातों में जमा करने या दूसरे मूल्य के नोट से बदलने को कहा गया है. मूल्य के हिसाब से मार्च 2023 में कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये के नोट 2,000 रुपये के थे.
अभी तक 2.41 लाख करोड़ रुपये बैंकों में आए वापस
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट वापस लेने के निर्णय के बाद कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये में से दो तिहाई से ज्यादा यानी 2.41 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बैंकों में वापस आ चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मोटे तौर पर 2,000 के लगभग 85 फीसदी नोट बैंक खातों में जमा के रूप में आए हैं.
8 जून तक 50 फीसदी नोट हुए थे वापस
इससे पहले, आठ जून को मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद में दास ने कहा था कि 1.8 लाख करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट वापस आ गये हैं. यह चलन में मौजूदा 2,000 रुपये के कुल नोट का लगभग 50 फीसदी था. इसमें मोटे तौर पर 85 फीसदी बैंक शाखाओं में जमा हुए हैं जबकि अन्य को दूसरे मूल्य के नोट से बदला गया.
इकोनॉमी पर नहीं होगा कोई विपरीत असर
दो हजार रुपये के नोट वापस लेने के इकोनॉमी पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मैं यह स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि अभी जो 2,000 रुपये के नोट वापस लिये जा रहे हैं, उनका इकोनॉमी पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा.
2,000 के नोट की वापसी से बढ़ेगी खपत
एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक का 2,000 रुपये के नोट चलन से वापस लेने से खपत में तेजी आ सकती है और इससे चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसदी से अधिक रह सकती है.
RBI का अनुमान 6.5 फीसदी रह सकती है GDP
2,000 रुपये के नोट वापस लेने के प्रभावों की वजह से अप्रैल-जून तिमाही में वृद्धि दर 8.1 फीसदी रहने की उम्मीद कर रहे हैं. यह हमारे उस अनुमान की पुष्टि करता है कि वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि RBI के अनुमान 6.5 फीसदी से अधिक रह सकती है.
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.
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बाद में मिलेगी पॉजिटिव नतीजों के बारे में सही जानकारी
इस रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, ‘‘जब 2,000 रुपये का नोट वापस लेने का फैसला किया गया, उसका आर्थिक वृद्धि से कोई संबंध नहीं था….इस फैसले का जो भी नतीजा होगा, उसका पता बाद में चलेगा लेकिन एक चीज मैं यह स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि अभी जो 2,000 रुपये का नोट वापस ले रहे हैं, उसका इकोनॉमी पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा. बाकी कितना पॉजिटिव नतीजा आता है, वह आगे पता चलेगा.