जब भी कोई प्रॉपर्टी बेची जाती है, तो राज्य सरकार को स्टांप शुल्क एवं लागू पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना होता है. UP में स्टैंप ड्यूटी का भुगतान करने से प्रॉपर्टी का लेनदेन सरकारी रिकॉर्ड में विधिवत दर्ज हो जाता है.
नई दिल्ली. इस समय दिल्ली NCR में मकान, जमान, फ्लैट आदि की बिक्री धड़ाधड़ हो रही है. यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने जेवर एयरपोर्ट के पास 1184 आवासीय भूखंडों की योजना निकाली है. इसके अलावा गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद मे घरों की बिक्री भी खूब हो रही है. ऐसे में अगर आप भी यूपी के किसी शहर में घर, प्लॉट या फ्लैट लेने का प्लान बना रहे हैं तो आपको राज्य सरकार द्वारा लागू स्टांप शुल्क एवं पंजीकरण शुल्क (stamp duty and registration charges) के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है.
उत्तर प्रदेश में प्रॉपर्टी का पंजीकरण करते समय, उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा लगाए गए UP में स्टांप शुल्क एवं पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना अनिवार्य है. UP में स्टैंप ड्यूटी का भुगतान सुनिश्चित करता है कि प्रॉपर्टी कानूनी रूप से पंजीकृत है.आज हम आपको यूपी में लगने वाली स्टांप ड्यूटी के बारे में जानकारी देंगे.
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महिलाओं को है 1% की छूट
यूपी में स्टांप ड्यूटी शुल्क प्रशासन द्वारा तय की गई सर्कल रेट से लगाया जाता है. प्रत्येक इलाके में सर्किल रेट निर्धारित हैं जो सरकार लगाती है. प्रॉपर्टी सर्कल रेट के बराबर या उससे अधिक मूल्य पर पंजीकृत होनी चाहिए. वर्तमान में उत्तर प्रदेश स्टांप ड्यूटी दर के रूप में 6% से लेकर 7% तक दर निर्धारित किया गया है. पुरुषों के नाम पर संपत्ति रजिस्ट्रेशन होने पर स्टांप ड्यूटी 6% लिया जाता है. वहीं महिलाओं के नाम पर संपत्ति रजिस्ट्रेशन होने पर स्टांप ड्यूटी 6% लिया जाता है. महिला पुरुष दोनों की संयुक्त रूप से संपत्ति रजिस्ट्रेशन पर 6.5% स्टांप ड्यूटी शुल्क लिया जाता है.