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Tilak Mehta: चाचा के घर भूल गए किताबें तो खड़ी कर दी 100 करोड़ की कंपनी, जानें- कैसे तिलक मेहता के मन में आया ये खयाल?

Tilak Mehta: तिलक मेहता भारत ही नहीं पूरी दुनिया के सबसे युवा आंत्रप्रेन्योर में से एक हैं. तिलक मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं और उनकी कंपनी मुंबई में है.

Tilak Mehta Success Story In Hindi: दुनिया के सबसे युवा (Youngest) और सबसे जीनियस आंत्रप्रेन्योर्स में से एक, तिलक मेहता (Tilak Mehta) ने 13 साल की उम्र में अपनी आंत्रप्रेन्योरशिप जर्नी की शुरुआत की. उनकी कहानी एक साधारण दुविधा से शुरू हुई. अब वे 17 साल के हो गए हैं और उनकी कंपनी का कारोबार 100 करोड़ तक पहुंच गया है, जिसमें 200 लोग काम कर रहे हैं.

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दरअसल, तिलक मेहता (Tilak Mehta) अपने चाचा के घर गए थे, जहां पर अपनी किताबें (Books) भूलकर अपने घर लौट आए थे. उन्हें अपनी परीक्षा की तैयारी के लिए उन किताबों (Books) की तुरंत जरूरत थी. तिलक मेहता (Tilak Mehta)ने अलग-अलग चैनलों के जरिए उन किताबों (Books) को मंगवाने का प्रयास किया. लेकिन उनमें समय भी ज्यादा लग रहा था और उसकी लागत (Cost) भी काफी अधिक आ रही थी, जिससे उन्हें लगा कि उनकी किताबों (Books) उन्हें समय पर नहीं मिल सकती हैं और उनको मंगवाने का खर्च किताबों (Books) की कीमतों से कहीं अधिक आ रहा था.

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इस चुनौती से तिलक मेहता (Tilak Mehta)के दिमाग में एक शानदार विचार आया. दरअसल, तिलक चाहते थे कि किसी शहर के अंदर सही तरीके से सस्ती दर पर उसी दिन किसी चीज की डिलीवरी सेवाएं कैसे शुरू की जा सकती हैं? इस तरह से मुंबई के डब्बावालों की असाधारण पार्सल डिलीवरी सेवा से इन्सपायर होकर “पेपर एन पार्सल” (Paper N Parcel) का उदय हुआ.

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अपने पिता की वित्तीय सहायता (Financial Help) और डब्बावालों की सहायता से, जिन्होंने पारंपरिक डाक सेवाओं की तुलना में कम लागत पर डिलीवरी की सुविधा (Delivery Services) प्रदान की, तिलक की कंपनी खूब फली-फूली. समय के साथ, बिजनेस ने 2018 तक कई तरह की जरूरतों को पूरा करते हुए शिपिंग (Shipping) और लॉजिस्टिक्स (Logistics) को शामिल करने के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार किया.

पूरे डेडिकेशन और डिटरमिनेशन से, तिलक की कंपनी ने 100 करोड़ रुपये से अधिक का प्रभावशाली कारोबार खड़ा कर लिया. 2021 तक, उनकी कुल संपत्ति 65 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, साथ ही 2 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड मंथली इनकम भी हुई.

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तिलक मेहता (Tilak Mehta) की उद्यमशीलता यात्रा (Entrepreneurship Journey) इसका प्रेरक उदाहरण है कि इन्नोवेशन और फर्म डिटरमिनेशन से लैस एक युवा दिमाग कैसे रिकॉर्ड सक्सेस हासिल कर सकता है. उनकी कहानी लोगों को अवसरों का लाभ उठाने और अपने यूनिक आइडिया और स्किल से क्रिएटिविटी के इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करती है. साथ ही, इससे इस बात की पुष्टि भी होती है कि उम्र कभी भी आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए कभी रुकावट नहीं बन सकती है.

गौरतलब है कि तिलक मेहता मूलरूप से गुजरात के रहने वाले हैं और उनकी कंपनी मुंबई में है. उनके बिजनेस में शुरुआती निवेश उनके पिता ने ही किया था. उनके पिता उनके नए वेंचर पेपर एन पार्सल के लिए एक निवेशक के रूप में काम करते हैं और वर्तमान में, उनके चाचा घनश्याम पारेख उनकी कंपनी के सीईओ हैं और सभी ऑपरेशन वही देखते हैं.

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