Mann ki Baat: पीएम नरेंद्र मोदी आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 104वें एपिसोड को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम का प्रसारण सुबह 11 बजे शुरू होगा. पीएम मोदी ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर इसकी जानकारी साझा की है. आज के कार्यक्रम में पीएम मोदी भारत के ऐतिहासिक मून मिशन चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग का जिक्र कर सकते हैं.
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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narndra Modi) आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) के 104वें एपिसोड को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम का प्रसारण सुबह 11 बजे शुरू होगा. पीएम मोदी ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा कि ‘सुबह 11 बजे ट्यून करें. पूरे भारत से प्रेरणादायक जीवन यात्राओं को उजागर करना हमेशा खुशी की बात होती है.’ ‘मन की बात’ का 103वां एपिसोड 30 जुलाई को प्रसारित हुआ. उस एपिसोड में पीएम मोदी ने पहली बार ‘मेरी माटी मेरे देश’ अभियान का जिक्र किया था. उन्होंने देशभर में हो रही मानसूनी बारिश का जिक्र किया.
मन की बात के 103वें एपिसोड में उन्होंने कहा था कि ‘पिछले कुछ दिन प्राकृतिक आपदाओं के कारण चिंता और संकट से भरे रहे हैं. यमुना समेत कई नदियों में बाढ़ से कई इलाकों में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन भी हुआ है.’ आज के कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी भारत के ऐतिहासिक मून मिशन चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग का जिक्र कर सकते हैं. इससे पहले 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर इतिहास रचा था. मन की बात कार्यक्रम 3 अक्टूबर 2014 को शुरू हुआ और 30 अप्रैल 2023 को अपने 100वें एपिसोड तक पहुंचा.
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मन की बात के 103वें एपिसोड में पीएम मोदी ने प्राकृतिक आपदाओं का जिक्र करते हुए कहा कि संकट के इस समय में एक बार फिर हम सभी देशवासियों ने सामूहिक प्रयास की ताकत दिखाई है. स्थानीय लोगों, एनडीआरएफ के जवानों और स्थानीय प्रशासन में काम करने वाले लोगों ने दिन-रात संघर्ष करके ऐसे संकटों का सामना किया है. ‘सर्वजन हिताय’ भावना भारत की पहचान और भारत की ताकत है. पीएम मोदी ने कहा था कि बारिश का यह मौसम ‘वृक्षारोपण’ और ‘जल संरक्षण’ के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है. आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों में रौनक बढ़ गई है.