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2047 तक सभी भारतीयों का होगा इंश्योरेंस! ‘बीमा मंथन’ में इन मसलों पर हुई चर्चा

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नई दिल्ली. इंश्योरेंस रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने 4 और 5 सितंबर, 2023 को ‘बीमा मंथन’ के चौथे एडिशन की मेजबानी की. इस कार्यक्रम में भारत की इंश्योरेंस और रीइंश्योरेंस कंपनियों के सीईओ आईआरडीएआई मुख्यालय में एकत्रित हुए, जिसमें इंश्योरेंस सेक्टर में निरंतर संवाद के महत्व को रेखांकित किया गया. बैठक का केंद्रीय विषय ‘2047 तक सभी के लिए बीमा’ (Insurance for All by 2047) हासिल करने की प्रतिबद्धता के साथ भारत में इंश्योरेंस को बढ़ावा देने के इर्द-गिर्द घूमता रहा.

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दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागी बीमा के अंतिम मील तक पहुंचने के लिए प्रैक्टिकल सॉल्यूशन की पहचान करने के उद्देश्य से चर्चाओं, प्रस्तुतियों और संवादों में लगे रहे. चर्चा के मुख्य आकर्षण में इंश्योरेंस सेक्टर में विकास के अवसरों को टैप करने की रणनीति, उभरते जोखिमों को एड्रेस करना, इनोवेटिव प्रोडक्ट डेवलपमेंट, प्रोटेक्शन गैप को पाटना, डिस्ट्रीब्यूशन में सुधार और इंश्योरेंस एक्सेस के विस्तार में टेक्नोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका शामिल हैं.

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स्टेट इंश्योरेंस प्लान पर ध्यान केंद्रित करना

एक उल्लेखनीय पहलू स्टेट इंश्योरेंस प्लान (SIP) पर ध्यान केंद्रित करना था, जिसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इंश्योरेंस का विस्तार करने के लिए डिजाइन किया गया है. बैठक में वंचित आबादी तक पहुंचने में एसआईपी के महत्व को रेखांकित किया गया. इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों ने रिस्क बेस्ड कैपिटल फ्रेमवर्क (RBC), रिस्क बेस्ड सुपरविजन फ्रेमवर्क (RBSF) और इंटरनेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (IFRS) के कार्यान्वयन की दिशा में हुई प्रगति पर चर्चा की.

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बैठक में इंश्योरेंस की उपलब्धता, पहुंच और सामर्थ्य सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया. इसमें डायनामिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अलग-अलग इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स की आवश्यकता और डिस्ट्रीब्यूशन रणनीतियों को बढ़ाते हुए इंश्योरेंस कंपनियों की भौगोलिक उपस्थिति का विस्तार करने पर चर्चा हुई. 

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