All for Joomla All for Webmasters
वित्त

चुनावी दंगल और पुरानी पेंशन.., क्यों मचा है हल्ला? समझिए OPS और NPS में 10 बड़े अंतर

Old Pension Scheme: दरअसल, पेंशन कर्मचारियों की है, जो बहुत बड़ा वोटर वर्ग है. लुभाने के लिए राजनीतिक पार्टियां इसे हथियार बनाए हुए हैं. अब नए सिरे से पुरानी पेंशन योजना (Old pension scheme) को लेकर बहस छिड़ गई है.

Old Pension Scheme: चुनावी सीजन है और कर्मचारी हल्ला-बोल कर रहे हैं. दिल्ली के रामलीला मैदान में पुरानी पेंशन योजना को लेकर हजारों की तादाद में कर्मचारी बैठे हैं. मांग है पुरानी पेंशन को वापस लाने की. सरकार इस पक्ष में नहीं है कि पुरानी पेंशन को लागू किया जाए, क्योंकि, इसका अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा. लेकिन, विपक्षी दल कर्मचारियों के साथ पेंशन व्यवस्था की बहाली पर सियासत कर रहे हैं. आखिर क्यों मचा है इतना हल्ला? पेंशन तो न्यू पेंशन स्कीम में भी मिलती है. फिर पुरानी ही क्यों? क्या केंद्र सरकार इस तरफ कोई हल निकालने की पहल करेगी? राजनीति क्यों हो रही है?

दरअसल, पेंशन कर्मचारियों की है, जो बहुत बड़ा वोटर वर्ग है. लुभाने के लिए राजनीतिक पार्टियां इसे हथियार बनाए हुए हैं. अब नए सिरे से पुरानी पेंशन योजना (Old pension scheme) को लेकर बहस छिड़ गई है. पुरानी पेंशन योजना को 1 अप्रैल 2004 को बंद कर दिया गया था और इसकी जगह राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) से बदल दिया गया था, जिसे न्यू पेंशन सिस्टम भी कहते हैं.

ये भी पढ़ें–  Yes Bank ने FD पर रिवाइज किया ब्याज, चेक करें लेटेस्ट इंटरेस्ट रेट

राजनीति में OPS का क्या काम है?

पुरानी पेंशन योजना बहाली के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय आंदोलन चल रहा है. कई राज्य हैं, जो इसे लागू करने का वादा कर चुके हैं. आगामी चुनाव में भी कुछ राष्ट्रीय दल इसकी बहाली को सीढ़ी बनाकर वोटर को लुभाना चाहते हैं. राज्यों में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग जारी है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ का चुनाव याद कीजिए. चुनावी वादों में पुरानी पेंशन थी और इसे लागू भी किया गया. अब दूसरे राज्यों में भी इस पर चुनावी रंग चढ़ा है. चुनावों में OPS को दोबारा लागू करने का वादा किसी के भी पक्ष में बाजी पलट सकता है. यही वजह है कि पुरानी पेंशन को लेकर राजनीतिक दल इतने सक्रिय हैं.

क्यों चढ़ा है ओल्ड पेंशन का रंग?

पुरानी पेंशन योजना को दिसंबर 2003 में दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने खत्म कर दिया था. इसके बाद राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) लागू की गई. एनपीएस 1 अप्रैल, 2004 से प्रभावी है. पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी के आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन होती थी. इसकी पूरी राशि का भुगतान सरकार करती थी. वहीं, NPS में उन कर्मचारियों के लिए है, जो 1 अप्रैल 2004 के बाद सरकारी नौकरी में शामिल हुए. कर्मचारी अपनी सैलरी से 10 फीसदी हिस्सा पेंशन के लिए योगदान करते हैं. इसके अलावा राज्य सरकार 14 फीसदी योगदान देती है. पेंशन का पूरा पैसा पेंशन रेगुलेटर PFRDA के पास जमा होता है, जो इसे निवेश करता है.

ये भी पढ़ें–  7th Pay Commission: 600 रुपये में स‍िलेंडर के बाद केंद्रीय कर्मचार‍ियों के ल‍िए बड़ी खुशखबरी, इस द‍िन होगा ऐलान

न्यू पेंशन में क्या फायदा?

राज्य स्तर पर ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर आंदोलन चल रहे हैं. दिल्ली में केंद्र सरकार को इस पर घेरा जा रहा है. पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने के लिए एक मंच पर सरकारी कर्मचारी एकजुट हैं. विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठनों ने रणनीति बनाई है. ऐसा दावा किया जाता है कि नई योजना में पुरानी स्कीम के मुकाबले कर्मचारियों को बहुत कम फायदे मिलते हैं. इससे उनका भविष्य सुरक्षित नहीं है. सेवानिवृत्त होने के बाद जो पैसा मिलेगा, उस पर टैक्स चुकाना होता है.

आखिर ये नई पेंशन स्कीम है क्या?

साल 2004 में सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन योजना शुरू की थी. NPS सरकारी कर्मचारियों को निवेश की मंजूरी देता है. इसके तहत वो अपने पूरे करियर में पेंशन खाते में नियमित तौर पर योगदान करके अपने पैसे के निवेश को अनुमति दे सकते हैं. रिटायरमेंट के बाद पेंशन राशि का एक हिस्सा एकमुश्त निकालने की छूट है. बाकी रकम के लिए एन्युटी (Annuity) प्लान खरीद सकते हैं. एन्युटी एक तरह का इंश्‍योरेंस प्रोडक्‍ट है. इसमें एकमुश्‍त निवेश करना होता है. इसे मंथली, क्वॉटरली या सालाना विड्रॉल कर सकते हैं. रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु तक उसे नियमित आमदनी मिलती है. वहीं, मृत्यु के बाद पूरा पैसा नॉमिनी को मिल जाता है.

ये भी पढ़ें–  Financial Stress Relief: कमाई तो बढ़िया है पर नहीं हो पाती बचत, अगर आपकी भी है यही परेशानी तो आजमाएं ये तरीके

OPS और NPS में 10 बड़े अंतर

ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS)न्यू पेंशन स्कीम (NPS)
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती.NPS में कर्मचारी के वेतन से 10% (बेसिक+DA) की कटौती होती है.
पुरानी पेंशन योजना में GPF (General Provident Fund) की सुविधा है.NPS में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा को नहीं जोड़ा गया है.
पुरानी पेंशन (OPS) एक सुरक्षित पेंशन योजना है. इसका भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए किया जाता है.नई पेंशन योजना (NPS) शेयर बाजार आधारित है, बाजार की चाल के आधार पर ही भुगतान होता है.
पुरानी पेंशन OPS में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 फीसदी तक निश्चित पेंशन मिलती है.NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है.
पुरानी पेंशन योजना में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू होता है.NPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता है.
OPS में रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी मिलती है.NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का अस्थाई प्रावधान है. 
OPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है.NPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन मिलती है, लेकिन योजना में जमा पैसे सरकार जब्त कर लेती है.
OPS में रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता है.NPS में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के आधार पर जो पैसा मिलेगा, उस पर टैक्स देना पड़ेगा.
OPS में रिटायरमेंट के समय पेंशन प्राप्ति के लिए GPF से कोई निवेश नहीं करना पड़ता है.NPS में रिटायरमेंट पर पेंशन प्राप्ति के लिए NPS फंड से 40 फीसदी पैसा इन्वेस्ट करना होता है.
OPS में 40 फीसदी पेंशन कम्यूटेशन का प्रावधान है.NPS में यह प्रावधान नहीं है. मेडिकल फैसिलिटी (FMA) है, लेकिन NPS में स्पष्ट प्रावधान नहीं है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top