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35 लाख टैक्सपेयर्स को रिफंड का इंतजार, पैसा अटकने के दो बड़े कारण, कहीं आपका भी तो इन वजहों से नहीं रुका रुपया

ITR Refund-1 अप्रैल 2023 से 09 अक्टूबर 2023 के दौरान 1.50 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड आयकर विभाग जारी कर चुका है. लेकिन, रिटर्न में कुछ खामियों की वजह से अब भी लाखों आयकरदाताओं का पैसा अटका हुआ है.

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नई दिल्ली. एसेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए सितंबर तक 7.09 करोड़ से ज्यादा टैक्स रिटर्न दाखिल (ITR Filing) किए गए हैं. 6.46 करोड़ से अधिक रिटर्न अब तक प्रॉसेस्ड किए जा चुके हैं, जिनमें ज्यादातर टैक्सपेयर्स को रिफंड (ITR Refund) जारी किया जा चुका है. लेकिन अभी भी 35 लाख टैक्‍सपेयर को रिफंड का इंतजार है. ज्‍यादातर टैक्‍सपेयर्स का रिफंड रुकने की दो वजहें हैं. बहुत से आयकरदाताओं का रिटर्न इसलिए अटका हुआ है, क्‍योंकि इन टैक्‍सपेयर्स ने आयकर विभाग द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया है. वहीं, कुछ का रिफंड बैंक अकाउंट वेरिफाई न होने की वजह से अटका हुआ है.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि टैक्स अधिकारी एक विशेष कॉल सेंटर के जरिए ऐसे टैक्सपेयर्स से संपर्क कर रहे हैं. सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि विभाग ऐसे टैक्सपेयर्स के साथ संपर्क कर रहा है और इन मुद्दों को जल्द हल करने की उसकी कोशिश है.

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1.50 लाख करोड़ रुपये रिफंड जारी
1 अप्रैल 2023 से 09 अक्टूबर 2023 के दौरान 1.50 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड जारी किया जा चुका है. 30 सितंबर तक 7.09 करोड़ से ज्यादा रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं. जिन टैक्‍सपेयर्स का रिटर्न ब्‍यौरा सही नहीं है या जानकारियां पूरी नहीं हैं उन्‍हें ईमेल और मैसेज के जरिए सूचना भेजी गई है. बड़ी संख्या में ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जिन्होंने बेमेल आंकड़ों से संबंधित आयकर के सवालों वाली मेल या मैसेज का जवाब अबतक नहीं दिया है. विभाग ने कहा है कि ऐसे टैक्सपेयर्स जल्द से जल्द जवाब भेज दें ताकि सुधार के बाद उनका रिफंड जारी किया जा सके.

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बैंक खाते वेरिफाई न होने से भी रुका रिफंड
कुछ मामलों में रिफंड इसलिए रुका है, क्योंकि टैक्सपेयर्स ने अपने बैंक खाते का सत्यापन नहीं किया है. इन मामलों में या तो बैंक का विलय हो गया है या टैक्सपेयर ने शहर बदल दिया है. सीबीडीटी चेयरमैन ने बताया कि 1 अप्रैल से 9 अक्टूबर के दौरान भारत का ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 17.95 प्रतिशत बढ़कर 11.07 लाख करोड़ रुपये हो गया है. जबकि, नेट कलेक्शन 9.57 लाख करोड़ रुपये, जो पिछले वर्ष की तुलनात्मक अवधि से 21.82 प्रतिशत अधिक है.

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