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Rabi Crops MSP: दिवाली से पहले किसानों के चहरों पर खिली मुस्कान, सरकार ने रबी फसलों की बढ़ाई एमएसपी

दिवाली से पहले केंद्रीय कर्मचारियों के साथ-साथ देश के किसानों को भी खुशी मनाने का मौका मिला है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गई। सरकार ने आज 2024-25 मार्केटिंग सीजन के लिए 6 रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

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बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों के साथ-साथ सरकार ने आज देश के अन्नदाता यानी किसानों को भी दिवाली से पहले खुश होने का मौका दिया है।

केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में आज रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाने की मंजूरी दी गई है। सरकार ने आज रबी की 6 फसलों पर मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए एमएसपी में वृद्धि की मंजूरी दी है।

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कितनी बढ़ी एमएसपी?

एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी मसूर के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल, इसके बाद रेपसीड और सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी गई है।

गेहूं और सैफ्लोअर के लिए 150-150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा जौ के लिए 115 रुपये प्रति क्विंटल और चने के लिए 105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है।

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अब क्या है नई कीमत?

क्या होता है एमएसपी?

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कुछ कृषि उत्पादों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मूल्य है, जिस पर सरकार किसानों फसल खरीदती है। यदि किसान को खुले बाजार में उसके फसल का सही दाम नहीं मिलता तो सरकार उस किसान से एमएसपी पर फसल खरीद लेती है यदि किसान बेचना चाहे।

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इसके अलावा एमएसपी किसानों के फसलों का एक तरह से बीमा होता है, यानी जिस मूल्य पर सरकार ने एमएसपी तय कर दी अब सरकार को उस मूल्य पर आपसे फसल खरीदना होगा।

सरकार मांग और सप्लाई को आसान बनाने के लिए एमएसपी लेकर आती है ताकि किसान को उसके फसल का कम से कम तय की हुई न्यूनतम रकम तो मिलेगी ही।

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