All for Joomla All for Webmasters
वित्त

Rupee Lowest Level: भारतीय रुपये का फिर वही रोना, ऑलटाइम लो पर गिरा-डॉलर के मुकाबले इतना टूटा

Rupee at All-Time Low: भारत की करेंसी रुपये को लेकर फिर वही खबर आई है जो चिंता का कारण तो है पर इतनी आम हो चुकी है कि इस पर अब ध्यान नहीं जा रहा है. आज अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 83.36 के स्तर पर आ गया है जो भारतीय करेंसी का अब तक सबसे निचला स्तर है.

ये भी पढ़ें– PM Kisan 16th Installment: देश के करोड़ों किसानों को अब PM किसान की 16वीं किस्त का इंतजार, जानें- कब आएंगे 2000 रुपये?

रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.34 पर बंद हुआ था. शुरुआती कारोबार में ही रुपये ने दो पैसे की गिरावट के साथ अपना सर्वकालिक निचला स्तर छू लिया था जिसके पीछे घरेलू बाजारों में निगेटिव सेंटीमेंट और एफआईआई की बिकवाली को कारण माना जा रहा है.

किस भाव पर खुला था रुपया

इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 83.33 पर खुला. फिर शुरुआती ट्रे़ड के बाद 83.36 प्रति डॉलर पर पहुंच गया जो पिछले बंद भाव से दो पैसे की गिरावट पर था. इस बीच दुनिया की छह मुख्य करेंसी के मुकाबले अमेरिकी डॉलर का स्तर दिखाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.12 फीसदी की गिरावट के साथ 103.79 पर रहा.

आज फिर दिखा रुपये के इतिहास का सबसे निचला स्तर

करेंसी में 2 पैसे की मामूली गिरावट के साथ ही रुपये का भाव अपने ऑल टाइम लो लेवल यानी इतिहास के सबसे निचले स्तर पर आ चुका है.

ये भी पढ़ें– अगर आपकी कंपनी PF काटती है और खाते में जमा नहीं करती है तो कैसे करें शिकायत, जानें यहां

बीते कल यानी 23 नवंबर, सोमवार 20 नवंबर और इससे पहले 10 नवंबर को भी रुपये में 83.34 रुपये प्रति डॉलर का लेवल देखा गया था. 10 नवंबर के ट्रेड में रुपया और नीचे तक गिरा था और एक समय भाव यूएस डॉलर के मुकाबले 83.42 तक फिसल गया था.

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव की रुपये को लेकर अनोखी सलाह

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (GTRI) की हाल ही में भारत के लिए दिलचस्प सलाह आई है जो यहां की करेंसी भारतीय रुपये के बारे में है. इस ग्लोबल थिंक टैंक का मानना है कि भारतीय रुपये को मजबूत करने का सही समय फिलहाल नहीं है. इंडियन इकोनॉमी अभी जिस स्टेज में है वहां रुपये की मजबूती से कई सेक्टर पर काफी नकारात्मक असर हो सकता है. GTRI ने ये भी कहा कि भारत को मौजूदा समय में मिडिल इनकम देश बनने पर ज्यादा जोर देना चाहिए. भारत को अपनी इकोनॉमी के स्थिर होने के बाद ही रुपये को मजबूत करने के बारे में सोचना चाहिए. तब तक भारत को केवल ग्लोबल ट्रेड में रुपये के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की कोशिशें करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें– डबल ब्याज चाहिए तो PPF में इस ट्रिक के साथ करना होगा निवेश, 15 साल में ही करोड़पति बनना तय

बाजार के और आंकड़े जो रुपये पर डाल रहे असर

ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.06 फीसदी की गिरावट के साथ 81.37 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स यानी एफआईआई ने बीते कल 255.53 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. हालांकि आज के ट्रेड में ये अभी बिकवाली की तरफ ज्यादा दिख रहे हैं.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top