Warning Signs of Lungs Disease: सर्दियों में सांस से संबंधित परेशानियों का दौर बढ़ जाता है. सर्दी, जुकाम, खांसी जैसे उपद्रव हेल्दी लोगों को परेशान लगते हैं. लेकिन अगर यह उपद्रव ज्यादा दिनों तक रहें तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए.
Symptoms of Lungs Disease: इंसान की जिंदगी के लिए ऑक्सीजन पहली शर्त है. और ऑक्सीजन के लिए लंग्स पहला प्रवेश द्वार है. फेफड़े में जब वायु पहुंचती है तो यह अन्य सभी तरह की गैसों को बाहर निकाल देती है और सिर्फ ऑक्सीजन को अंदर आने की अनुमति देता है. इस ऑक्सीजन को लंग्स की दीवार में सटे असंख्य खून की नलियां खींच लेती है और इसे शरीर के अंग-अंग में पहुंचा देती है. इसके साथ ही लंग्स का सबसे बड़ा काम बीमारियां फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों के हमले से बचाना है. जैसे ही सूक्ष्म जीव मुंह से जंग लड़कर लंग्स में पहुंचता है, लंग्स में में मौजूद म्यूकोसिलयरी क्लीयरेंस इसे मार देता है. लंग्स शरीर में पीएच का बैलेंस करता है. इससे समझा जा सकता है फेफड़े का हमारे शरीर में कितना महत्व है. सर्दी का ज्यादा दबाव भी फेफड़े पर ही पड़ता है. आमतौर पर इस महीने में जब किसी को खांसी, सर्दी लगती है तो लोग सोचते हैं कि यह मामूली परेशानी है लेकिन यह ज्यादा दिनों तक परेशान करने लगे तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. क्योंकि ये संकेत फेफड़े के कमजोर होने या खराब होने के संकेत भी हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि लंग्स खराब होने के लक्षणों के बारे में जानें…
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लंग्स खराब होने के संकेत
1. क्रोनिक कफ-अमेरिकन लंग्स एसोसिएशन के मुताबिक यदि लगातार आपके सीने में भारीपन महसूस हो और यह 8 सप्ताह तक बंद न हो तो यह क्रोनिक कफ है. क्रोनिक कफ लंग्स के खराब होने या कमजोर होने का पहला संकेत हो सकता है. इसे नजरअंदाज न करें. डॉक्टर के पास जाएं.
2. सांस लेने में तकलीफ-अगर आपको ज्यादा दिनों तक सांस लेने में तकलीफ हो, सांस फूलने लगे तो यह भी लंग्स के खराब होने का संकेत हो सकता है. इसलिए सांस में तकलीफ या दम फूलने को कभी नजरअंदाज न करें.
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3. क्रोनिक म्यूकस- सूक्ष्म जीवों से लड़ने और कई अन्य कामों के लिए के लिए म्यूकस बनता है. यह फेफड़ों की रक्षा या बाहरी आक्रमण को रोकता है लेकिन जब यह बहुत ज्यादा बनने लगे और छाती में एक महीने या उससे ज्यादा दिनों तक परेशान करे तो यह लंग्स से संबंधित बीमारियों के संकेत हो सकते हैं.
4. घरघराहट– सांस लेने में घरघराहट या शोर हो तो इसका मतलब है कि कुछ गलत चीजें आपके फेफड़ों के वायुमार्ग में बाधा पहुंचा रहा है. ये चीजें उन्हें बहुत संकीर्ण बना रहा है. अगर ऐसा होता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
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5.खांसी के साथ खून आना-यह बात लगभग हर कोई जानता है कि खांसी के साथ अगर खून आए तो कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है. इसलिए खून चाहे कहीं से आ रहा हो, इसे नजरअंदाज न करें.
6. छाती में दर्द- छाती में कभी-कभार दर्द हो ही जाता है लेकिन यदि यह एक महीने या ज्यादा दिनों तक हो, तो यह फेफड़ों की गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. इन सभी स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.