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सोने में निवेश का बड़ा मौका, सिर्फ 500 रुपये में खरीदें गोल्ड ETF, जेरोधा लेकर आया ये खास स्कीम

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ज़ेरोधा गोल्ड ईटीएफ के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 1 मार्च 2024 तक लिस्ट होने की उम्मीद है.

नई दिल्ली. ज़ेरोधा फंड हाउस ने ज़ेरोधा गोल्ड ईटीएफ लॉन्च करने का ऐलान किया है. यह स्कीम 16 फरवरी, 2024 को पब्लिक सब्सक्रिप्शन के लिए खोली गई और 21 फरवरी, 2024 को बंद हो जाएगी. यह एक ओपन-एंडेड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड है जो सोने की घरेलू कीमतों की रेप्लिकेंटिग/ट्रैकिंग करता है. गोल्ड में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है.

इस फंड के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 1 मार्च 2024 तक लिस्ट होने की उम्मीद है. इसके लिए फिजिकल गोल्ड की घरेलू कीमतों को बेंचमार्क माना जाएगा.

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क्या है गोल्ड ईटीएफ
सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा को गोल्ड ईटीएफ यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड कहते हैं. यह एक म्यूचुअल फंड स्कीम होती है, जिसमें सोने की खरीद यूनिट में की जाती है.

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कम से कम निवेश 500 रुपये
जेरोधा के इस गोल्ड ईटीएफ में कम से कम 500 ​​रुपये और उसके बाद 100 रुपये के मल्टीपल में निवेश किया जा सकता है. इस योजना की एक यूनिट की शुरुआती नेट एसेट वैल्यू (NAV) करीब 10 रुपये होगी. वहीं, लिस्टिंग के बाद जेरोधा गोल्ड ईटीएफ के यूनिट्स को सीधे एक्सचेंज से खरीदा जा सकता है. यह स्कीम उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है जो लॉन्ग टर्म कैपिटल ग्रोथ चाहते हैं और गोल्ड जैसे एसेट क्लास में निवेश करना चाहते हैं.

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गोल्ड ईटीएफ में निवेश के क्या फायदे
गोल्ड ईटीएफ में निवेश से लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिलता है. सोने की कीमतों में होने वाले प्रदर्शन का असर गोल्ड ईटीएफ पर पड़ता है. गोल्ड ईटीएफ की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में जनवरी में 657 करोड़ रुपये निवेश किए गए, जो इससे पिछले महीने की तुलना में 7 गुना है. उद्योग संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने यह बताई.

विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर जारी तनाव और अमेरिका में उच्च मुद्रास्फीति के बीच निवेश के लिए सोना एक सुरक्षित विकल्प है. उद्योग संगठन के आंकड़ों से पता चलता है कि इस निवेश के साथ जनवरी के अंत तक गोल्ड फंड की प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) 1.6 प्रतिशत बढ़कर 27,778 करोड़ रुपये हो गई। यह राशि दिसंबर 2023 के अंत में 27,336 करोड़ रुपये थी.

(भाषा से इनपुट के साथ)

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