भारत सरकार की ओर से शुरू किए गए डिजिलॉकर ने हर जरूरी कागजात के लिए फिजिकल पेपर्स साथ रखने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. इसमें डिजिटल फॉर्म में रखे गए दस्तावेज आप कभी भी एक्सेस कर सकते हैं. खास बात है कि इसमें सुरक्षित डीएल सभी जगह मान्य होती है. जानते हैं कि इसमें अपना अकाउंट कैसे खोला जा सकता है?
केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2015 में डिजिलॉकर की शुरुआत की थी. इसने हर अहम कागज के लिए फिजिकल पेपर साथ रखने की अनिवार्यता खत्म दी है. केंद्र ने पेपरलेस कार्यवाही को बढ़ावा देने के लिए इसकी शुरुआत की थी. इसके नतीजे भी काफी अच्छे आए हैं. इसका इस्तेमाल करने वाले लोग अब अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे फिजिकल पेपर्स साथ लेकर नहीं चलते हैं. वे डिजिलॉकर में इन दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी रखते हैं. डिजिलॉकर में अपना अकाउंट खोलकर जरूरी दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी रखना काफी आसान है. हालांकि, एक काम के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
डिजिलॉकर केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम का हिस्सा है. इसकी मदद से आप सभी जरूरी दस्तावेजों की डिजिटल कॉपी संभाल कर रख सकते हैं. ट्रैफिक पुलिस को दिखाने के लिए आप अपने वाहन की आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस की इसी डिजिटल कॉपी का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो मान्य होगी. दरअसल, रोजमर्रा के जरूरी कामकाज और भागदौड़ के बीच अपने डॉक्युमेंट्स को संभालने में खासी दिक्कत होती है. इनके खोने, चोरी होने, भीगने या फटने का खतरा बना रहता है. इन सब समस्याओं से आपको छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने डिजिटल लॉकर की सुविधा शुरू की है.
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डिजिलॉकर में रख सकते हैं कौन-से डॉक्युमेंट्स
सबसे पहले जानते हैं कि डिजिलॉकर क्या है? डिजिलॉकर भारत सरकार की एक वेबसाइट है, जिसका यूआरएल https://digilocker.gov.in/ है. इस पर अपना अकाउट खोलकर आप अपने सभी दस्तावेजों को इस पर स्टोर कर सकते हैं. इसके लिए आधार कार्ड की जरूरत होगी. डिजिलॉकर पर ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी के साथ ही आप अपना वोटर आईडी, पैन कार्ड, इनकम टैक्स रिटर्न, प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद भी डिजिटली स्टोर कर सकते हैं. फिलहाल इसमें 1 जीबी तक डाटा स्टोर किया जा सकता है.
डिजिलॉकर पर डीएल, आरसी, वोटर आईडी, पैन कार्ड, इनकम टैक्स रिटर्न समेत कई दस्तावेज डिजिटली स्टोर कर सकते हैं.
कैसे बनाया जाता है डिजिलॉकर में अकाउंट
अब जानते हैं कि इसमें अकाउट कैसे बनाया जाता है? डिजिलॉकर में जरूरी दस्तावेज सेव करने से पहले आपको https://digilocker.gov.in/ पर जाकर साइन अप करना होगा. साइट पर जाने के बाद साइन अप बटन पर टैप करने के बाद मोबाइल नंबर दर्ज करें. फिर ओटीपी की मदद से अगली स्टेज में पहुंचेंगे. अब आपको यूजर नेम और पासवर्ड डालना होगा. इसके बाद अपनी ईमेल आईडी वेरीफाई करानी होगी. इसके लिए आधार कार्ड अनिवार्य है. आधार कार्ड को भी इससे लिंक कराना होगा. इसके बाद आप अपने सभी जरूरी सरकारी दस्तावेज डिजिलॉकर में अपलोड कर सकते हैं.
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डिजिलॉकर में अकाउंट बनाने का क्या फायदा
अब सवाल उठता है कि डिजिलॉकर आपके लिए फायदे का सौदा कैसे बनता है. दरअसल, सबसे पहला फायदा तो यही है कि आप डिजिलॉकर के इस्तेमाल से डॉक्यूमेंट्स की हार्ड कॉपी रखने से बच जाते हैं. दूसरा फायदा, अगर आपको पासपोर्ट के लिए अप्लाई करना है और आपके बर्थ च एजुकेशन सर्टीफिकेट डिजिलॉकर में हैं तो पासपोर्ट ऑफिस आपका आधार नंबर तथा डिजिलॉकर की डिटेल का इस्तेमाल कर सकता है. इस तरह आप डॉक्यूमेंट्स की फाइलों को ले जाने से बच जाएंगे. इसी तरह ड्राइविंग लाइसेंस भी डिजिलॉकर के जरिये देखा जा सकेगा.
कई तरीकों से साइन इन कर सकते हैं
गूगल प्लेस्टोर से डिजिलॉकर ऐप भी डाउनलोड किया जा सकता है. इसके लिए आपको प्लेस्टोर पर Digilocker टाइप करना होगा. फिर यह ऐप आपके सामने आ जाएगा. यह ऐप महज 14 एमबी का है. आप डिजिटल लॉकर पर अपने यूजर नेम और पासवर्ड के अलावा सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर और जीमेल के यूजरनेम व पासवर्ड के जरिये भी साइन इन कर सकते हैं. साइन इन करने के बाद आपका पर्सनल अकाउंट खुल जाएगा. इसके पहले हिस्से में अलग-अलग एजेंसियों की ओर से जारी सर्टिफिकेट, उनके यूआरएल, जारी करने की तिथि और शेयर करने का विकल्प होगा. दूसरे हिस्से में अपलोड किए गए सर्टिफिकेट, उनका संक्षिप्त विवरण और शेयर व ई-साइन का विकल्प होगा.
डिजिलॉकर पर सेव डॉक्युमेंट्स सिर्फ आधार अपडेशन और नया आधार बनवाने में काम नहीं आते हैं.
कैसे डिजिलॉकर में अपलोड होते हैं दस्तावेज
अगर आप अपने सर्टिफिकेट अपलोड करना चाहते हैं तो माई सर्टिफिकेट पर क्लिक करें. अपलोड डॉक्यूमेंट पर क्लिक कर सर्टिफिकेट चुनें. उसकी सभी जानकारियां दर्ज करें. इस तरह से आप सभी जरूरी दस्तावेज डिजिटल लॉकर में अपलोड कर सकते हैं. ई-लॉकर में pdf, jpg, jpeg, png, bmp और gif फॉरमेट की फाइलें सेव की जा सकती हैं. अपलोड की जाने वाली फाइल का साइज 1 एमबी से ज्यादा नहीं होना चाहिए. अपलोड किए गए दस्तावेज के सामने शेयर करने का विकल्प दिया हुआ होता है. जैसे ही आप शेयर करें पर क्लिक करेंगे एक डायलॉग बॉक्स खुलेगा. उस डायलॉग बॉक्स में आप जिस भी व्यक्ति या संस्था को कागजात देना चाहते हैं उसका ईमेल आईडी डालें और शेयर करें पर क्लिक करें.
इस काम नहीं आते डिजिलॉकर में सेव दस्तावेज
अगर आपको आधार कार्ड अपडेट कराना है या नया आधार कार्ड बनवाना है तो आपको आधार सेवा केंद्र जाना ही होगा. साथ में फिजिकल डॉक्युमेंट्स भी लेकर जाने होंगे. आप डिजिलॉकर में रखे डॉक्यूमेंट के आधार पर आप अपना आधार कार्ड नहीं बनवा सकते हैं. दरअसल, आधार केंद्र पर आपके ओरिजनल डॉक्युमेंट्स को फिजिकल स्कैन करके सारी जानकारी फीड की जाती है. इसके बाद दस्तावेज वापस कर दिए जाते हैं.