आपको बता दें कि पिछले साल यानी 2023 में रेलवे ने लगभग 5.2 करोड़ वेटिंग लिस्ट वाले टिकट कैंसिल किए थे. इस समस्या का मुकाबला करने के लिए ही redRail ने यह सॉल्यूशन पेश किया है.
ये भी पढ़ें : लोन बांटने वाली ऐप्स से सावधान, झट से पता लगाएं ऐप सही है या फिर ठगों का गिरोह
नई दिल्ली. आने वाली गर्मी की छुट्टियों में कहीं घूमने का प्लान बना रहे लोगों के लिए रेलवे के तरफ से एक अच्छी खबर है. दरअसल, छुट्टियों के लिए ट्रेन में टिकटों की ताबड़तोड़ बुकिंग शुरू हो चुकी है. वहीं कई पॉपुलर डेस्टिनेशंस पर टिकट पहले ही फुल हो चुके हैं. ऐसे में नए पैसेंजर्स को वेटिंग लिस्ट में जा सकते हैं और उन्हें कन्फर्म टिकट मिलने की बहुत कम संभावना रहती है. ऐसे में redBus की redRail ऐप ने ट्रेन यात्रियों को कन्फर्म टिकट बुकिंग में मदद करने के लिए दो नए फीचर लॉन्च किए हैं. इनमें एक ‘सीट गारंटी’ और दूसरा ‘कनेक्टिंग ट्रेन्स’ है. ये दोनों नए फीचर वेटलिस्टेड ट्रेन टिकटों की चुनौतियों को कम करने में मदद करेंगे.
आपको बता दें कि पिछले साल यानी 2023 में रेलवे ने लगभग 5.2 करोड़ वेटिंगलिस्ट वाले टिकट कैंसिल किए थे. इस समस्या का मुकाबला करने के लिए ही redRail ने यह सॉल्यूशन पेश किया है. इसका मकसद यात्रियों को उनके डेस्टिनेशन तक पहुंचने की संभावनाओं को ज्यादा से ज्यादा करने में मदद करना है. आइए इन दोनों फीचर के बारे में विस्तार से जानते हैं…
क्या है ‘सीट गारंटी’ फीचर?
‘सीट गारंटी’ सुविधा के साथ, रेडरेल वेटिंग लिस्ट वाले टिकटों के समय पर कन्फर्म नहीं होने की चिंता का समाधान करता है. यात्री मामूली शुल्क का भुगतान करके रेडरेल ऐप या रेडबस ऐप के रेडरेल सेक्शन पर बुकिंग के दौरान इस सुविधा का विकल्प चुन सकते हैं.
ये भी पढ़ें : BOB World App Scam: जानिए आखिर क्या है ये स्कैम, जिसे Bank Of Baroda के ही कर्मचारियों ने मिलकर दिया था अंजाम!
यदि चार्ट तैयार होने के बाद भी उनकी सीट कन्फर्म नहीं होती है तो रेडरेल टिकट की पूरी राशि का रिफंड प्रदान करती है. वहीं, वाउचर के रूप में ग्राहक को दोगुना राशि का रिफंड मिलता है जिसे आगे टिकट बुक करने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है.
‘कनेक्टिंग ट्रेन’ में मिलेगी ये सहूलियत
रेडरेल में ‘कनेक्टिंग ट्रेन’ फीचर भी उपलब्ध है जो सीधी ट्रेनों के पूरी तरह फुल हो जाने पर वैकल्पिक ट्रेनों की सूचि प्रदान करता है. जब सीधी ट्रेनें पूरी तरह से बुक हो जाती हैं और टिकट वेट लिस्ट में होता है तो यह फीचर रूट के बीच में आने वाली ट्रेनों और वैकल्पिक रूट के बारे में जानकारी देता है. यानी आप ट्रैन बदलकर या वैकल्पिक स्टेशन से अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं. इससे ट्रेन में कन्फर्म सीटे मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है.
रेडबस के सीईओ प्रकाश संगम ने यात्रियों की चिंताओं को दूर करने और उनके यात्रा अनुभव को बढ़ाने में इन नई सुविधाओं के रणनीतिक महत्व के बारे में बात की. उन्होंने कहा, “इन नई सुविधाओं की शुरूआत भारत में ट्रेन यात्रा के उभरते परिदृश्य के लिए एक रणनीतिक प्रतिक्रिया का प्रतीक है.
ये भी पढ़ें : गुरुवार रात ऑनलाइन-ऑफलाइन ट्रेन रिजर्वेशन और इंक्वायरी सब बंद रहेगा, पहले निपटा लें काम
हम मानते हैं कि आधुनिक यात्री आश्वासन, विश्वसनीयता और एक निर्बाध यात्रा अनुभव चाहते हैं. एडवांस बैकएंड एल्गोरिदम का उपयोग करके, हम विश्वसनीयता और सुविधा को बढ़ा रहे हैं. प्रत्येक यात्री के लिए ट्रेन यात्रा की ‘सीट गारंटी’ और ‘कनेक्टिंग ट्रेन’ सुविधाएं ट्रेन यात्रा के अनुभव को बढ़ाने और ट्रेन यात्रा के भविष्य को आकार देने के लिए रेडरेल की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में खड़ी हैं.”