साइबर अपराधी किसी जानी मानी वेबसाइट का नकली कॉपी बना लेते हैं और उसके जरिए लोगों को चूना लगाने का काम करते हैं. इसके लिए वह असली वेबसाइट (Real Website) की ग्राफिक्स और कोड तक को चुरा लेते हैं.
कोरोना महामारी (Corona Pandemic) शुरू होने के बाद से लोगों की इंटनेट पर निर्भरता बहुत तेजी से बढ़ी है. पिछले कुछ सालों में देश में डिजिटलाइजेशन (Digitalisation) की रफ्तार बहुत तेजी से बढ़ी है. ऐसे में लोग हर काम के लिए स्मार्टफोन (Smartphone) और इंटरनेट (Internet) का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में साइबर अपराधी (Cyber Fraud) भी काफी एक्टिव हो गए हैं.
भारत में पिछले कुछ सालों में साइबर धोखाधड़ी के मामलों में कई गुना का इजाफा देखा गया है. आजकल लोग कई तरह की शॉपिंग वेबसाइट के जरिए खरीदारी करना पसंद करते हैं. लेकिन, कई साइबर अपराधी नकली वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. इस नकली बेवसाइट के जरिए होने वाले फ्रॉड को स्पूफिंग (Spoofing) कहते हैं. तो चलिए हम आपको इसके बारे में बताते हैं-
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जानें क्या है स्पूफिंग?
कई साइबर अपराधी किसी जानी मानी वेबसाइट का नकली कॉपी बना लेते हैं और उसके जरिए लोगों को चूना लगाने का काम करते हैं. इसके लिए वह असली वेबसाइट (Real Website) की वोगो, ग्राफिक्स और कोड तक को चुरा लेते हैं. इसतके अलावा वह यूआरल की भी कॉपी कर लेते हैं.इस तरह के अपराध करने वाले साइबर फ्रॉड आपके ईमेल अकाउंट पर मैसेज और फेक वेबसाइट का लिंक भेजते हैं.
इसके बाद आपसे इसे ओपन कर खुद को रजिस्टर करने के लिए कहा जाता है. इसके बाद वह आपसे बैंक डिटेल्स जैसे बैंक अकाउंट (Bank Account) नंबर, क्रेडिट कार्ड (Credit Card), डेबिट कार्ड (Debit Card) , नेट बैंकिंग यूजर आईडी (Net Banking User ID), पिन नंबर, सीवीवी नंबर (CVV Number) आदि आपसे मांगा जाता है. यह सारी जानकारी देने के तुरंत बाद ही आपके अकाउंट से पैसे निकल जाते हैं.
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इन टिप्स को फॉलो कर रखें खुद को सुरक्षित-
आप इस बात का खास ख्याल रखें कि आपको किसी शॉपिंग वेबसाइट (Shopping Website) का ईमेल मिले तो उसके भेजे हुए लिंक पर क्लिक कर अपनी बैंक की निजी जानकारी जैसे बैंक अकाउंट नंबर, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग यूजर आईडी, पिन नंबर, सीवीवी नंबर आदि भूलकर भी शेयर न करें. इसके साथ ही वेबसाइट के URL को चेक करना न भीलें. किसी भी सक्योर वेबसाइट में http के साथ शुरू होकर S खत्म होता है