Coronavirus Vaccination: विशेषज्ञों ने कहा कि अभिभावक बच्चों का टीकाकरण कराने में उदासीनता दिखा रहे हैं, हमें इस उदासीनता को दूर करना होगा
Vaccination of 12-15 year olds in Mumbai: महाराष्ट्र में 12-15 साल के बच्चों के टीकाकरण अभियान के विस्तार को लगभग 2 महीने का समय गुजर चुका है, लेकिन इन दो महीनों में केवल एक-तिहाई पात्र बच्चों को ही वैक्सीन की पहली डोज दी गई है. कुल मिलाकर महाराष्ट्र में 12-15 साल के 55% बच्चों को पहली डोज दी जा चुकी है. इस आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण करने में मुंबई सबसे फिसड्डी जिला बना हुआ है.
मुंबई में केवल 25% बच्चों ने ली पहली खुराक
मुंबई में 12-15 साल के 3.9 लाख बच्चे टीकाकरण के लिए पात्र हैं, जिनमें से 1 लाख 534 (25.7%) बच्चों ने ही पहली डोज ली है, जबकि 24 हजार 380 (6.25%) बच्चों ने वैक्सीन की दोनों खुराक ले ली हैं. राज्य में 39 लाख पात्र आबादी में से 8 लाख 20 हजार 929 (21%) ने दोनों खुराक ली हैं जबकि 21 लाख 81 हजार 018 (55.92%) ने पहली खुराक ली है.
आखिर क्यों धीमी है टीकाकरण की रफ्तार, डॉक्टर ने बताया
बता दें कि 12-15 साल के बच्चों के टीकाकरण के लिए कोर्बेवैक्स वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. टीकाकरण के प्रति उदासीन प्रतिक्रिया के बारे में बोलते हुए राज्य बाल रोग कार्य बल के सदस्य डॉ. बकुल पारेख ने कहा कि कोरोना के अधिकांश मामले बिना लक्षण वाले हैं, इसलिए ज्यादातर अभिभावक बच्चों को टीके लगवाने में हिचकिचाते हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों के बहुत कम कोरोना से संक्रमित होने के मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में माता-पिता नहीं चाहते के उनके बच्चे वैक्सीन के दुष्प्रभाव झेलें.
स्कूल-कॉलेजों में टीकाकरण कैंप हो सकते हैं सहायक
बाल रोग कार्य बल के एक अन्य सदस्य ने कहा कि बच्चों को टीका लगना बहुत जरूरी है. इसलिए हमारी कोशिश है कि बच्चों को जल्द से जल्द टीका लगे. हमारी बैठकों में भी इस विषय पर निरंतर चर्चा होती है कि टीकाकरण केंद्रों के अलावा स्कूलों और कॉलेजों में भी टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाए. डॉ. पारेख ने कहा कि कम टीकाकरण के पीछे माता-पिता के पास बच्चों के टीकाकरण के लिए समय न होना भी एक प्रमुख कारण है. ज्यादातर अभिभावक बच्चों को टीकाकरण केंद्र पर लेकर नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे हालातों में स्कूलों और कॉलेजों में टीकाकरण कैंप लगाना सहायक होगा.
टीकाकरण के प्रति उदासीनता को दूर करना होगा
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने स्कूलों में कैंप आयोजित करने के लिए प्रोजेक्ट मुंबई नामक एनजीओ को शामिल किया है. एनजीओ के संस्थापक और सीईओ शिशिर जोशी ने कहा कि स्कूलों में छुट्टियों की वजह से टीकाकरण प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा कि लोग अपने आसपास बिना मास्क वाले लोगों की भीड़ देख रहे हैं, जिससे उनमें ये संदेश जा रहा है कि टीका लगवाना व्यर्थ है. इसलिए वे टीकाकरण के प्रति उदासीन नजर आ रहे हैं. इस उदासीनता को दूर करने की जरूरत है.