शेयर बाजार में जारी गिरावट का असर न सिर्फ स्टॉक्स में पैसे लगाने वाले निवेशकों पर पड़ रहा, बल्कि म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन पर भी दिखना शुरू हो गया है. अप्रैल में इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड में मार्च के मुकाबले करीब 15 हजार करोड़ रुपये का कम निवेश आया है.
नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार के लिए साल 2021 जितना बेहतर साबित हुआ था, यह साल उतना ही दबाव वाला बन गया है. इसका असर न सिर्फ स्टॉक्स में पैसे लगाने वालों पर पड़ रहा, बल्कि म्यूचुअल फंड उद्योग पर भी बाजार के करेक्शन का गहरा असर दिख रहा है.
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एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (Amfi) की ओर से जारी एक आंकड़े के अनुसार, अप्रैल महीने में बाजार में गिरावट की वजह से इक्विटी म्यूचुअल फंड का निवेश 44 फीसदी घट गया है. इस दौरान इक्विटी म्यूचुअल फंड में महज 12,574 करोड़ रुपये का निवेश आया है, जबकि इससे एक महीने पहले यानी मार्च में 28,464 करोड़ का निवेश आया था. इसका सीधा मतलब है कि अप्रैल में बाजार के उतार-चढ़ाव की वजह से इक्विटी फंड का निवेश 15,890 करोड़ रुपये घट गया.
इसलिए आई गिरावट
एम्फी का कहना है कि ग्लोबल लेवल पर जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने की वजह से दुनियाभर के शेयर बाजारों पर जोखिम बढ़ गया है. रूस-यूक्रेन युद्ध और क्रूड की बढ़ती कीमतों ने शेयर बाजार को नीचे धकेल दिया. महामारी से उबरती अर्थव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए सभी देशों के केंद्रीय बैंकों ने कुछ सख्त कदम उठाए, जिसका असर भी बाजार के निवेशकों के सेंटिमेंट पर पड़ा.
सिप के जरिये निवेश में बड़ी गिरावट
आंकड़े बताते हैं कि सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये निवेश में भी भारी गिरावट आई है. अप्रैल में सिप के जरिये महज 11,863.09 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो एक महीने पहले यानी मार्च में 12,327.91 करोड़ था. हालांकि, इस दौरान सिप के खातों की संख्या में बंपर उछाल आया. अप्रैल में सिप के जरिये निवेश करने वाले खातों की संख्या बढ़कर 5.39 करोड़ पहुंच गई, जो मार्च में 5.27 करोड़ थी.
म्यूचुअल फंड के लिए बेहतर रहा नया वित्तवर्ष
एम्फी के अनुसार, म्यूचुअल फंड उद्योग के लिए नया वित्तवर्ष (2022-23) बेहतर शुरुआत लेकर आया है. अप्रैल में म्यूचुअल फंड में कुल 72,847 करोड़ रुपये का निवेश आया, जिसमें इक्विटी की हिससेदारी तो कम रही, लेकिन डेट म्यूचुअल फंडों में 54,756.60 करोड़ रुपये का जबरदस्त निवेश आया है. इससे 30 अप्रैल तक म्यूचुअल फंड उद्योग का नेट एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 17% फीसदी बढ़कर 38.03 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया.
निवेशकों का भरोसा कायम
एम्फी के सीईओ एनएस वेंकटेश का कहना है कि बाजार में गिरावट के बावजूद अभी निवेशकों का भरोसा म्यूचुअल फंड पर बना हुआ है. अप्रैल के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल की तुलना में म्यूचुअल फंड का कुल फोलियो 33 फीसदी बढ़कर 13.13 करोड़ पहुंच गया है, जो अब तक का रिकॉर्ड है. मार्च के मुकाबले अप्रैल में 1 फीसदी की तेजी आई है. अप्रैल में तीन एनएफओ लांच किए गए हैं, जिनमें 3,240 करोड़ का निवेश आया.
उन्होंने कहा कि निवेशकों को आगे भी म्यूचुअल फंड में पैसे लगाते रहना चाहिए, क्योंकि बाजार में गिरावट के बावजूद इसके रिटर्न पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. इन फंडों में डाइवर्सिफिकेशन काफी रहता है, जिससे निवेशकों के नुकसान की आशंका कम हो जाती है.