Film Kaali: आगा खां म्यूजियम में ‘अंडर द टेंट’ प्रोजेक्ट के तहत फिल्म काली दिखाई जानी थी, जिसका आयोजन टोरंटो मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी ने किया था.
टोरंटो. फिल्म काली पर विवाद के बाद अब आयोजकों ने हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होने पर खेद जताया है. फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई की डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली के पोस्टर और वीडियो पर हुए बवाल के बाद आयोजकों ने यह तय किया है कि अब फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं होगी. टोरंटो मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा कि इस फिल्म ने संवेदनशीलता पैदा की है और इस समय पर इसे फिर से दिखाने की कोई योजना नहीं है.
आगा खां म्यूजियम में ‘अंडर द टेंट’ प्रोजेक्ट के तहत फिल्म काली दिखाई जानी थी, जिसका आयोजन टोरंटो मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी ने किया था. हिंदू देवी-देवताओं की बेअदबी के इस मामले को लेकर पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर देश-विदेश में गुस्सा है. इस पूरे मामले पर भारत के उच्चायोग ने भी आयोजकों से चिंता ज़ाहिर की थी. ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने कनाडाई अधिकारियों से अपील की थी कि आपत्तिजनक सामग्री को वापस लिया जाए.
आगा खां म्यूजियम ने एक बयान जारी कर कहा कि इस संग्रहालय को इस बात का गहरा खेद है कि ‘अंडर द टेंट’ के 18 लघु वीडियो में से एक और इसके साथ सोशल मीडिया पोस्ट में अनजाने में हिंदुओं और अन्य धार्मिक समुदायों के सदस्यों को आहत किया है.
वहीं टोरंटो मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी बयान जारी कर कहा, ‘हमें खेद है कि 2 जुलाई को हमारे ‘अंडर द टेंट’ प्रेजेंटेशन में कुछ सामग्री से लोगों की भावनाएं आहत हुई है. हम इस मामले में कार्रवाई कर रहे हैं.’ यूनिवर्सिटी ने कहा कि हम समानता, विविधता और समावेश के लिए प्रतिबद्ध हैं जबकि साथ ही हमारे समाज में विश्वासों और दृष्टिकोण की विविधता का सम्मान करते हैं.
क्लीन-शेव पॉलिसी : कनाडा के टोरंटो शहर ने मांगी माफी
इसी बीच एक अन्य मामले में टोरंटो शहर ने सिख संगठन वर्ल्ड सिख ऑर्गेनाइजेशन से माफी मांगी है. कोविड के चलते टोरंटो शहर में क्लीन शेव पॉलिसी लागू की गई थी, जिसका पालन न करने के चलते करीब 100 सिख सुरक्षा गार्ड्स की नौकरी चली गई थी. यह पॉलिसी N95 मास्क के सही फिटिंग के लिए लाई गई थी. इस मामले पर हरकत में आकर टोरंटो शहर ने बयान जारी करते हुए कॉन्ट्रेक्टरों से कहा है कि वह सभी सुरक्षा गार्ड को तुरंत वापस नौकरी पर रखें.