एनवीबीडीसीपी के अनुसार इस बार 31 अक्टूबर 2022 तक चिकुनगुनिया के कुल कन्फर्म केसेज 5320 हैं, जबकि संदिग्ध मामलों की संख्या 108957 पहुंच गई है. वहीं पिछले साल यानि 2021 में चिकुनगुनिया के संदिग्ध मरीजों की संख्या 119070 थी वहीं कुल कन्फर्म केस 11890 थे.
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बाद अब भारत में डेंगू और चिकुनगुनिया ने पैर पसार लिए हैं. इस साल न केवल डेंगू के मामले तेजी से बढ़े हैं बल्कि चिकुनगुनिया के संदिग्ध मामले भी पिछले कई सालों के रिकॉर्ड को तोड़कर बढ़ रहे हैं. यही वजह है कि इस बार अस्पताल दोनों ही बीमारियों के मरीजों से भरे हुए हैं. हालांकि चिकुनगुनिया के मरीजों की तादाद का बढ़ना काफी परेशान करने वाला है क्योंकि
नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल के आंकड़े बताते हैं कि साल 2006 में देश में चिकुनगुनिया के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे, उसके बाद अब 2022 में यह बीमारी ज्यादा परेशान कर रही है.
नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल के विशेषज्ञों की मानें तो पिछले कुछ सालों में हर साल डेंगू के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा रहती है, वहीं साल 2017 से ही चिकुनगुनिया के मरीजों का आंकड़ा काफी कम रहता है. इतना ही नहीं चिकुनगुनिया के संदिग्ध मरीजों की संख्या भी काफी कम रही है लेकिन साल 2022 के आंकड़े बताते हैं कि इस बार देश में चिकुनगुनिया के संदिग्ध मामले डेंगू मामलों के लगभग बराबर पहुंच गए हैं.
एनवीबीडीसीपी के अनुसार इस बार 31 अक्टूबर 2022 तक चिकुनगुनिया के कुल कन्फर्म केसेज 5320 हैं, जबकि संदिग्ध मामलों की संख्या 108957 पहुंच गई है. वहीं पिछले साल यानि 2021 में चिकुनगुनिया के संदिग्ध मरीजों की संख्या 119070 थी वहीं कुल कन्फर्म केस 11890 थे. वहीं 2020 में चिकुनगुनिया का प्रकोप काफी कम था लेकिन एक चीज जो आंकड़ों में देखी जा सकती है वह यह है कि इस बार संदिग्ध केस 2017 के बाद दूसरे सबसे ज्यादा हैं और सिर्फ अक्टूबर तक के आंकड़ों में ही पिछले साल से सिर्फ कुछ हजार ही कम हैं.
इन राज्यों में सबसे ज्यादा प्रभावित मरीज
एमसीडी दिल्ली के पूर्व एडिशनल एमएचओ डॉ. सतपाल बताते हैं कि इस बार चिकुनगुनिया के ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं. जहां दिल्ली-एनसीआर में ये मरीज बढ़े हैं वहीं देश के कुछ राज्य ऐसे हैं जहां चिकुनगुनिया हर साल ही कहर बरपाता है. एनवीबीडीसीपी के आंकड़े देखें तो इस साल गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में चिकुनगुनिया फैल रहा है.
पोस्ट चिकुनगुनिया इफैक्ट करता है परेशान
डॉ. सतपाल कहते हैं कि चिकुनगुनिया मारक बीमारी नहीं है लेकिन इस वजह से दुखदायी है कि इसका पोस्ट चिकुनगुनिया इफैक्ट लोगों को काफी दिनों तक परेशान करता है. इसके मरीजों को जोड़ों के दर्द की समस्या रहती है जो कई बार अर्थराइटिस या गठिया का रूप भी ले लेती है. दर्द की ये प्रक्रिया कई सालों तक भी रहती है जैसा कि पिछले चिकुनगुनिया से पीड़ित मरीजों में देखा गया है.