Stock Market Closing: शेयर मार्केट ने आज बढ़त के साथ शुरुआत की थी. बजट से पहले कारोबार बंद भी सकारात्मक स्तर पर ही हुआ है. बैंक निफ्टी आज 267 अंक बढ़कर बंद हुआ है
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नई दिल्ली. केंद्रीय बजट से पहले मंगलवार को शेयर बाजार हल्की बढ़त के साथ बंद हुए. सेंसेक्स आज 0.8 फीसदी या 49.49 अंक बढ़कर 59,549.90 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, 50 शेयरों वाले निफ्टी ने 13.20 अंक या 0.07 फीसदी की तेजी के साथ 17662.15 कारोबार बंद किया. आज के कारोबार में बैंक व वित्तीय संस्थानों के शेयरों का बोलबाला रहा. बैंक निफ्टी आज 267 अंक चढ़कर बंद हुआ.
सेंसेक्स ने मंगलवार सुबह 271 अंकों की बढ़त के साथ 59,771 पर कारोबार शुरू किया था. हालांकि, निफ्टी 82 अंक टूटकर 17,731 पर खुला था. हालांकि, थोड़ी देर बाद ही बिकवाली शुरू हो गई और सेंसेक्स-निफ्टी तेजी से नीचे आ गए. सुबह 9.37 बजे सेंसेक्स 270 अंक टूटकर 59,230 पर आ गया, जबकि निफ्टी 74 अंक गिरकर 17,572 पर पहुंच गया.
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किन शेयरों में मुनाफा
आज निफ्टी पर SBIN सबसे अधिक कमाई वाला शेयर रहा. इसके बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा 3.41 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ. पावरग्रिड, अल्ट्राटेक सीमेंट और अडानी पोर्ट्स में भी आज 2.73 फीसदी की तेजी देखने को मिली. दूसरी ओर, बजाज फाइनेंस और टीसीएस 2 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुए. इसके बाद टेक महिंद्रा, ब्रिटानिया और एचडीएफसी लाइफ 1 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ आज सर्वाधिक नुकसान कराने वाले शेयरों में शामिल रहे.
किन सेक्टर्स में दिखी रौनक
आज बैंक निफ्टी 0.66 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ. वहीं, पीएसयू बैंक 4.28 फीसदी की तेजी के साथ बंद हुआ. ऑटो 1.89 फीसदी, मीडिया 2.37 फीसदी, रियल्टी 1.12 फीसदी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 1.32 फीसदी और एफएमसीजी 0.53 फीसदी की तेजी के साथ बंद हुए. हेल्थकेयर, आईटी, फार्मा और ऑयल एंड गैस इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई.
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क्या है एक्सपर्ट्स की राय
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले भारतीय बाजार में इसलिए कम उछाल देखने को मिल रहा है क्योंकि यहां शेयरों की वैल्युएशन पहले ही बढ़ी हुई है. अभी भारत अन्य विकसित बाजारों का अनुसरण कर रहा है. हालांकि, घरेलू शेयर बाजार फिर भी अन्य उभरते हुए बाजारों से अधिक पर ही कारोबार करता रहेगा. अडानी मामले ने गिरावट को लंबा खींच दिया है क्योंकि विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिक्री और बढ़ गई है. अब निवेशकों का ध्यान बजट और फेडरल रिजर्व की पॉलिसी पर केंद्रित हो गया है.