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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में आफत की बारिश:पेंड्रा का बिलासपुर, कोरबा से संपर्क कटा, 100 से ज्यादा गांवों की बिजली गुल; लरकेनी में युवक बहा

rain

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश अब आफत बनती जा रही है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में 36 घंटे से बारिश का दौर जारी है। भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। कई पुलों के ऊपर से पानी बह रहा है। पेंड्रा से बिलासपुर, मरवाही, कोटमी, कोरबा, बस्तीबगरा से संपर्क टूट गया है। बिलासपुर रोड पर वाहनों की लंबी लाइन लगी है। लरकेनी क्षेत्र में एक व्यक्ति बह गया। उसकी तलाश की जा रही है। वहीं, जांजगीर-चांपा में भी शबरी पुल तक महानदी का पानी पहुंच गया है। यह पुल जिले को बलौदाबाजार से जोड़ता है।

महानदी का जलस्तर 12 घंटे में 5 फीट बढ़ा, दो दिन से बढ़ोतरी जारी
शिवरीनारायण में ऊपरी हिस्सों में हो रही लगातार बारिश से महानदी उफान पर है। सोमवार शाम से जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ जो अब तक जारी है। मंगलवार शाम तक 24 घंटे में महानदी का जलस्तर करीब 5 फीट तक बढ़ा था, वहीं बुधवार सुबह 5 बजे तक 12 घंटे में ही 5 फीट इजाफा हो गया। नदी का पानी जांजगीर-चांपा और बलौदाबाजार जिले को जोड़ने वाले शबरी पुल से निचले हिस्से को छूने लगा है। शिवरीनारायण में शिवनाथ, जोक और महानदी तीन नदियों का संगम है।

पेंड्रा से मनेन्द्रगढ़ और कोरबा को जाने वाले मार्ग पर पेड़ व बिजली का तार गिरने से आवाजाही बाधित है।

बम्हनी नदी उफान पर होने से मुख्यमार्ग पानी में डूब गया है। इसके चलते दो दर्जन गांवों से संपर्क टूट चुका है।

शबरी पुल के पास बैरिगेट्स लगाकर और रस्सी बांध रोका गया रास्ता
CMO हितेन्द्र यादव ने बताया अभी तक किसी भी बांध से पानी नही छोड़ा गया है। बारिश के पानी से ही नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। राजस्व, नगर पंचायत और पुलिस की टीम शबरी पुल के पास डटी हुई है। पुल के पास बेरिगेट्स, रस्सी व गोताखोरों की व्यवस्था की गई है। नगर के सभी वार्डों सहित खासकर नदी किनारे हिस्सों में मुनादी कराकर लोगों से बच्चों को संभालकर रखने, अपने जानवरों को बांध कर रखने व निचले हिस्से के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की जा रही है।

GPM जिले में भारी बारिश से 3 कच्चे मकान गिर गए हैं, जबकि कई घरों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। वहीं घरों में पानी भर गया है।

GPM जिले में बारिश से 3 मकान गिरे, कई क्षतिग्रस्त
GPM जिले में भारी बारिश से 3 कच्चे मकान गिर गए हैं, जबकि कई घरों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। पेंड्रा से बचरवार जाने वाले मार्ग का हिस्सा भी बह गया है। पेंड्रा नदी अपने रौद्र रूप में है। गौरेला और मध्यप्रदेश को जोड़ने वाली शार्टकट सड़क पूरी बह गइ है। गौरेला विकासखंड से भी कोरजा सहित दर्जनभर गांवों का संपर्क टूट चुका है। सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ा है। सूखे की मार झेल रहे किसानों की धान और मक्के की फसल अब बारिश ने बर्बाद कर दी है।

मंगलवार रात को हुई बारिश ने स्थिति को बिगाड़ दिया। सोन नदी पर सचराटोला और चिचगोहना गांवों में बनाया गया मरवाही मार्ग पुल डूब चुका है, इससे यातायात प्रभावित हुआ है।

जावस और अरपा नदी के उफान के चलते पेंड्रा से बिलासपुर, केंदा से बेलगहना, केंदा से लाफा जाने वाले मार्ग पर आवागमन बंद है। पुल से 6 फुट ऊपर पानी बह रहा है। केंदा के पास एक छोटी पुलिया बह गई है। बिलासपुर रोड पर सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। बिजली के तार गिरने से 100 से ज्यादा गांवों में आपूर्ति बाधित हो गई। मंगलवार रात को हुई बारिश ने स्थिति को बिगाड़ दिया। जिले की सभी नदियां उफान पर हैं। सोन नदी पर सचराटोला और चिचगोहना गांवों में बनाया गया मरवाही मार्ग पुल डूब चुका है। इस पर आवागमन बंद है। वहीं, बम्हनी नदी के बढ़ने से पेंड्रा से बस्तीबगरा जाने वाला मार्ग पानी में डूबा हुआ है।

कोरजा से धनौली जाने वाले मार्ग में कोरजा में बने गुहरी नाला पर पुल से डेढ़ फीट ऊपर पानी बह रहा है।

सभी नदियां उफान पर होने से हर रास्ते हुए जलमग्न
जिले की सोनभद्र नदी अपने विकराल रूप में है। चिचगोहना गांव में बना विशाल पुल जलमग्न हो चुका है। अरपा नदी का पानी बढ़ने से खोडरी और खोंगसरा के कई स्थानों पर सड़कें डूबी हुई हैं। यहां आवाजाही पूरी तरह से बाधित है। बारिश के कारण करीब 100 से अधिक गांवों में बिजली भी गुल है। राहत की बात यह है कि अब तक कहीं से भी जनहानि की सूचना नहीं मिली है। प्रशासन की ओर से लोगों की सुरक्षा-व्यवस्था का प्रयास किया जा रहा है।

शहरी इलाकों में भी स्थिति खराब है। जिले का सबसे पुराना जनपद स्कूल प्रांगण में पानी भर गया है।

पानी में डूबा स्कूल, कोरबा मार्ग पर गिरा पेड़ और बिजली तार
पिपरिया गांव में एलान नदी के उफान में होने के कारण खेतों में लगी धान और मक्का की फसल बर्बाद हो गई है। गौरेला से सटे कोरजा गांव में भी तिपान नदी का जलस्तर बढ़ने से मुख्य मार्ग में बना पुल डूब गया है। कोटखर्रा गांव में धान की फसल को नुकसान हुआ है। शहरी इलाकों में भी स्थिति खराब है। जिला सबसे पुराना जनपद स्कूल प्रांगण में पानी से भर गया। पेंड्रा से मनेन्द्रगढ़ और कोरबा को जाने वाले मार्ग पर पेड़ व बिजली का तार गिरने से आवाजाही बाधित है।

जिले में बने 10 डैम 100% से ज्यादा पानी से लबालब भर चुके हैं। इनमें से 3 का गेट खोल दिया गया है।

जिले में बने 10 डैम 100% से ज्यादा पानी से लबालब भर चुके हैं। इनमें से 3 का गेट खोल दिया गया है।

सभी डैम 100% भरे, 3 के गेट खोले गए
जिले में बने 10 जलाशय 100% से ज्यादा पानी से लबालब भर चुके हैं। इनमें से 3 का गेट खोल दिया गया है। इसमें मल्हनिया, खुदरी और सोनाकछार डैम शामिल है। खुदरी डैम को तो सुरक्षा को देखते हुए खोलने का निर्णय लिया गया है। मौसम विभाग की ओर से 24 घंटे के दौरान अभी और बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसके बाद कलेक्टर नम्रता गांधी ने लोगों को उफनते नदी- नालों को पार नहीं करने की अपील की है।

पेंड्रा में कल्याण का स्कूल के आगे अंडरपास में कमर तक पानी भर गया है। इस दौरान एक बस को निकालता चालक।

पेंड्रा में कल्याण का स्कूल के आगे अंडरपास में कमर तक पानी भर गया है। इस दौरान एक बस को निकालता चालक।

जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के मरवाही विकास खंड के ग्राम सुरंगटोला का छोटा चेक डैम टूटने से कई कच्चे घर गिर गए। गांव के कई घरों में पानी घुसने से उनके गिरने का खतरा बना हुआ है।

जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के मरवाही विकास खंड के ग्राम सुरंगटोला का छोटा चेक डैम टूटने से कई कच्चे घर गिर गए। गांव के कई घरों में पानी घुसने से उनके गिरने का खतरा बना हुआ है।

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