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आइआइटी प्रो. मणींद्र अग्रवाल की ओमिक्रोन पर राय, क्या नेचुरल इम्युनिटी और वैक्सीन को बाइपास कर पाएगा नया वैरिएंट

omicron

कानपुर, जागरण संवाददाता। अपने गणितीय मॉडल के आधार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को लेकर भविष्यवाणी करके खास चर्चा में आए आइआइटी प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने अब वायरस के नए वैरिएंट को लेकर भी अपना मंतव्य साझा किया है। उन्होंने तीसरी लहर आने की संभावना जताई है लेकिन उसके ज्यादा घातक ने होने की बात कही है। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में फैल नए वैरिएंट ओमिक्रॉन पर वैक्सीन के ज्यादा प्रभावी होने पर संशय जताया है लेकिन नेचुरल इम्युनिटी हासिल कर चुके लोगों को सुरक्षित दायरे में बताया है

कोरोना संक्रमण ने लंबे समय के बाद फिर दस्तक दी है और वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन दक्षिण अफ्रीका में कहर बरपा रहा है। इसे लेकर देश में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। हालांकि अभी देश में संक्रमण फैलने जैसी कोई स्थिति सामने नहीं आई है लेकिन इस वैरिएंट से कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं ने भी जोर पकड़ लिया है। कोरोना की दूसरी लहर को लेकर गणतीय मॉडल सूत्र देने वाले आइआइटी के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने नए वैरिएंट को लेकर अपनी राय रखी है। उनका कहना है कि अभी तक ये वैरिएंट नेचुरल इम्युनिटी को बाइपास नहीं कर पाया है, ऐसे में नेचुरल इम्युनिटी वाले ज्यादा सुरक्षित दायरे में हैं। हालांकि वैक्सीन को लेकर उनका भी संदेह बरकरार बना हुआ है।

आइआइटी प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल का एक वर्चुअल साक्षात्कार का वीडियो है, जिसमें उन्होंने कहा है कि नए वैरिएंट के बार में अभी कुछ निश्चित कहा नहीं जा सकता है क्योंकि साउथ अफ्रीका से मिला डाटा अभी पूरा नहीं है। इसलिए अभी इसके वायरस के बारे में कई बातें कहना मुश्किल है। उन्होंने कहा, यह जरूर देखने आया कि यह बहुत इंफेक्शनल है यानी बहुत तेजी से फैलने वाला वायरस है। डेल्टा तेजी से फैलता था लेकिन यह उससे भी ज्यादा तेजी से फैल रहा है। लेकिन, क्या ये नेचुरल इम्युनिटी को बाइपास करेगा या नहीं, यह देखने वाली बात है।

उन्होंने बताया कि नेचुरल इम्युनिटी का मतलब जो लोग पहले इंफेक्शन होकर ठीक हो चुके हैं, अब देखना यह है कि ऐसे लोगों को इंफेक्टेड करने की क्षमता नए वैरिएंट में है या नहीं। या फिर जिनको वैक्सीन लग चुकी है, उन्हें इंफेक्शन देने की क्षमता है या नहीं। फिलहाल इस बारे अभी निश्चित रूप से कुछ कहा नहीं जा सकता है। एक अंदाजा लगाया जा रहा है कि कोरोना वायसरस के स्पाइक प्रोटीन पर आधारित वैक्सीन है, ऐसे में उनको यह वैरिएंट बाइपास कर सकता है क्योंकि स्पाइक प्रोटीन में बहुत सारे म्युटेशन पहले से मौजूद हैं लेकिन अभी यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है।

प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा, जहां तक नेचुरल इम्युनिटी का सवाल है, जिनको पहले से इंफेक्ट कर चुका है और अब वह ठीक हो चुके हैं, उनमें वायरस के खिलाफ इम्युनिटी आ गई है। मेरी गणना है लेकिन अभी तक जो डाटा है, उसमें दिख रहा है कि साउथ अफ्रीका में अभी तक ये वैरिएंट नेचुरल इम्युनिटी को बाइपास नहीं कर पाया है, यदि ऐसा वास्तव में है और अगले कुछ समय में पता चल जाएगा तो यह भारत के लिए अच्छी खबर है। उन्होंने कहा कि साउथ अफ्रीका में अबतक अस्सी फीसद लोगों में नेचुरल इम्युनिटी आ चुकी है और भारत में भी आ चुकी है। इस वैरिएंट के आने पर केस नंबर बढ़ेगा लेकिन यहां पर उतनी मुश्किल स्थिति नहीं होगी। हालांकि कुछ क्लस्टर में अचानक केस बढ़ जाते हैं लेकिन उसका असर भारत में नहीं आता है। भारत में बीते दो तीन महीने से लगातार केस कम हो रहे हैं।

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