राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में गरीबों को दिए जाने वाले सौ-सौ गज के प्लाट की योजना को बंद कर दिया गया है। बीपीएल परिवारों को 2008 के बाद से ही गांवों में यह प्लाट नहीं दिए जा रहे हैं। हुड्डा ने अपने शासनकाल में करीब साढ़े तीन लाख बीपीएल परिवारों को प्लाट देने का दावा किया है। इसके बाद उन्होंने भी बीपीएल परिवारों को प्लाट देने बंद कर दिए। इसकी एक वजह यह रही कि गांवों के पास उपयुक्त शामलात जमीन नहीं है, जहां पर बीपीएल परिवारों को प्लाट दिए जा सकें, इसलिए तब से न तो आवेदन मांगे गए हैं और न ही गरीबों को प्लाट दिए जा सके हैं।
हरियाणा की भाजपा सरकार ने इस योजना का स्वरूप बदलकर उसे अधिक कारगर बना दिया है। प्रदेश सरकार का मानना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता से वास्तविक जरूरतमंद लोगों के घर पर छत का सपना साकार होगा। हुड्डा सरकार में अभी तक जितने लोगों को प्लाट मिले हैं, वह उपयुक्त स्थानों पर नहीं मिल पाए, जिसके बाद आपसी विवाद जरूर बढ़ गए हैं। कई गांव तो ऐसे हैं, जहां जोहड़ की जमीन पर तथा शामलात की उबड़-खाबड़ जमीन पर यह प्लाट आवंटित कर दिए गए। इनकी भरत ही बहुत महंगी पड़ गई, जिस कारण योजना को पूरी तरह से सिरे नहीं चढ़ाया जा सका है।
गुहला चीका के जजपा विधायक ईश्वर सिंह ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया। ईश्वर सिंह पहले कांग्रेस में थे और राज्यसभा सदस्य के साथ-साथ अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन रह चुके हैं। सैलजा समर्थक ईश्वर सिंह को कांग्रेस ने जब टिकट नहीं दिया तो उन्होंने जजपा का दामन थाम लिया। जजपा में जब कुछ विधायकों ने बगावत के सुर ऊंचे किए थे, उनमें भी ईश्वर सिंह का नाम शामिल है।
ईश्वर सिंह के सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सदन में बताया कि जिन गांवों में पंचायत की जमीन उपलब्ध नहीं है, वहां पर जमीनें अधिगृहित कर बीपीएल परिवारों को प्लाट आवंटित करने की उनकी सरकार की कोई योजना नहीं है।
हर किसी को मकान के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही सरकार
ईश्वर सिंह ने विधानसभा में अपनी सरकार से पूछा था कि 2008 के बाद से बीपीएल परिवारों को सौ-सौ गज के प्लाट देने के लिए आवेदन क्यों नहीं मांगे गए। इसके जवाब में दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत एक अप्रैल 2016 से 2022 तक सभी के लिए आवास की सोच साकार करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाने लगी है। इस योजना के लाभार्थियों की पहचान एसइसीसी-2011 के आंकड़ों से की गई। वंचित परिवारों को सूचीबद्ध कर डेढ़ लाख रुपये तक वित्तीय सहायता प्रदान की गई। मनरेगा योजना के तहत अकुशल श्रमिक वर्ग में 90 दिन काम करने पर 26 हजार रुपये देने का प्रविधान किया गया। 70 हजार रुपये तक बैंक ऋण देने की व्यवस्था भी है।
हरियाणा सरकार का गरीबों के प्लाट पर अवैध कब्जों से इन्कार
हरियाणा सरकार ने विधानसभा के पटल पर लिखित जवाब में माना कि जिन लोगों को पूर्व में प्लाट आवंटित किए जा चुके हैं, उन पर अवैध व दबंग प्रवृत्ति के लोगों द्वारा कब्जे किए जाने की कोई सूचना राज्य सरकार के पास नहीं है। इसके विपरीत ईश्वर सिंह ने सदन में कहा कि ऐसे तमाम लोगों के प्लाटों पर दबंग लोगों द्वारा कब्जे किए जा चुके हैं। दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उनकी सरकार ने गरीबों को सौ-सौ गज के प्लाट देने की जो योजना शुरू की थी, उसे तुरंत जारी रखकर प्लाट आवंटित किए जाने चाहिएं।