RBI Tokenisation Deadline: आरबीआई ने 1 जनवरी से बदलने जा रहे कार्ड पेमेंट के नियमों में हो रहे बदलाव की डेडलाइन को छह महीने के लिए आगे बढ़ा दिया है.
RBI Tokenisation Deadline: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कार्ड पेमेंट के लिए नए टोकनाइजेशन सिस्टम की डेडलाइन को 6 महीने के लिए आगे बढ़ा दिया है. केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को भेजे एक सर्कुलर में इस बात की जानकारी दी.
छह महीने आगे बढ़ी डेडलाइन
RBI ने विभिन्न उद्योग निकायों की मांग के बाद कार्ड ऑन फाइल (CoF) टोकनाइजेशन की समय सीमा को छह महीने आगे बढ़ाकर 30 जून, 2022 कर दिया है. कार्ड ऑन फाइल या CoF आपके कार्ड की वह जानकारियां होती हैं, जिन्हें विभिन्न पेमेंट गेटवे अपने पास सुरक्षित रखते हैं, जिससे आगे के पेमेंट हो सके.
RBI ने इसके पहले इसकी समय सीमा 31 दिसंबर तय की थी, जिसके बाद इन सभी पेमेंट गेटवे को अपने पास से ग्राहकों के CoF जानकारियों को अपने पास से हटा देना था.
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RBI ने जारी किया सर्कुलर
आरबीआई ने सभी पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स और पेमेंट सिस्टम पार्टिसिपेंट्स को कहा, “विभिन्न प्रतिभागियों द्वारा मिले आवेदनों को ध्यान में रखते हुए, CoF डेटा को स्टोर करने की समय सीमा को छह महीने यानी 30 जून, 2022 तक बढ़ा दिया गया है. इसके बाद इन डेटा को हटा दिया जाना चाहिए.”
RBI ने इससे पहले सितंबर में व्यापारियों को 1 जनवरी, 2022 से अपने सर्वर पर ग्राहकों के कार्ड डीटेल्स को स्टोर करने से मना कर दिया और कार्ड स्टोरेज के विकल्प के रूप में CoF टोकन को अपनाने को कहा.
उद्योग बॉडी ने किया था अनुरोध
कई परिचालन चुनौतियों का हवाला देते हुए, उद्योग संघों के मर्चेंट पेमेंट्स एलायंस ऑफ इंडिया (MPAI) और एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (ADIF) ने RBI से कार्ड लेनदेन के टोकन से संबंधित मानदंडों के कार्यान्वयन के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था.
MPAI उन व्यापारियों का एक संघ है जो डिजिटल भुगतान स्वीकार करते हैं. Microsoft, Netflix, Spotify, Zoom, BookMyShow, Disney+ Hotstar, Policybazaar और Times Internet को इसके सदस्यों में शामिल हैं.
भारत का कार्ड मार्केट
उद्योग निकाय CII के अनुसार, भारत में अनुमानित 98.5 करोड़ कार्ड हैं, जिनका उपयोग 4,000 करोड़ रुपये के लगभग 1.5 करोड़ दैनिक लेनदेन के लिए किया जाता है.
RBI की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2020-21 में भारतीय डिजिटल भुगतान उद्योग का मूल्य 14,14,85,173 करोड़ रुपये था.