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लाइफस्टाइल

हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम करते हैं लहसुन-चुकंदर? आ गया जवाब

Lahsun aur Chukandar ke Fayde: हाई ब्लड प्रेशर  (High Blood Pressure) और हार्ट अटैक (Heart attack) के खतरों से जूझ रहे लोगों को लहसुन (Garlic) और चुकंदर (Beetroot) का सेवन क्या कोई फायदा पहुंचा सकता है. इस पर अब जवाब सामने आ गया है. 

Lahsun aur Chukandar ke Fayde: क्या लहसुन (Garlic) और चुकंदर (Beetroot) का हाई ब्लड प्रेशर से कोई कनेक्शन है. क्या इनके सेवन से हाई बीपी (High Blood Pressure) और हार्ट अटैक (Heart attack) का खतरा कम हो जाता है. इस मुद्दे पर हुई स्टडी की रिपोर्ट अब सामने आ गई है. 

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के डॉक्टर क्रिस वान टुल्लेकेन ने इस मुद्दे पर रिसर्च की कि चुकंदर और लहसुन खाने से क्या ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) कंट्रोल में रहता है. रिसर्च के नतीजों से जानकारी निकलकर सामने आई कि मामूली से समझे जाने वाले ये दोनों खाद्य पदार्थ लोगों की जान बचाने में अच्छे जीवन रक्षक साबित हो सकते हैं. 

रिसर्च में मिले चौंकाने वाले नतीजे

रिपोर्ट के मुताबिक रिसर्च के लिए 28 ऐसे वॉलंटियर्स को चुना गया, जो हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) से जूझ रहे थे. रिसर्च शुरू होने के समय उन सबका अधिकतम ब्लड प्रेशर 130mm से ज़्यादा था, जबकि किसी वयस्क इंसान में इसे 120 होना चाहिए. इसके बाद 2 अलग-अलग ग्रुप्स में बांटकर उन्हें 3 हफ्ते तक चुकंदर और लहसुन खाने को दिए गए. 

घट गया वॉलंटियर्स का ब्लड प्रेशर

इसके बाद रिसर्च के नतीजे जांचे गए. पता चला कि रिसर्च में शामिल वॉलंटियर्स जब नॉर्मल जिंदगी जी रहे थे तो उनका औसत ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) 133.6mm था. वहीं जब रिसर्च के बाद चुकंदर खाने वाले वॉलंटियर्स का ब्लड प्रेशर चेक किया गया तो वह 128.7mm मिला. जबकि लहसुन खाने वालों का ब्लड प्रेशर 129.3mm पाया गया. 

हार्ट अटैक का खतरा 10 प्रतिशत कम

जांच के नतीजों से पता चला कि अगर आप चुकंदर और लहसुन का नियमित सेवन करते हैं तो हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) का खतरा 10 प्रतिशत कम हो जाता है. रिसर्च में पता चला कि चुकंदर और लहसुन खाने से खून की नली चौड़ी हो जाती हैं, जिससे खून आसानी से बह जाता है. इस वजह से अटैक का खतरा घट जाता है. 

चुकंदर और लहसुन में क्या है खास

रिपोर्ट के मुताबिक चुकंदर में नाइट्रेट और लहसुन में एलिसिन पाया जाता है. यह नाइट्रेट तमाम हरी सब्ज़ियों जैसे अजवाइन, पत्तागोभी, जलकुंभी, आर्गुला, पालक, ब्रोकली आदि में पाया जाता है. वहीं एलिसिन, प्याज और उस जैसी दूसरी प्रजातियों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.

ऐसे करें साग-सब्जियों का सेवन 

– चुकंदर का रस पीएं. उसके रस में अधिकांश नाइट्रेट सुर​क्षित रह जाता है.
– यदि आप चुकंदर उबालते हैं, तो उसे वैसे ही उबालिए जैसा कि वो है. यदि उबालने से पहले आप उसके ऊपरी या निचले हिस्से को काटते हैं तो फिर ग़लत होगा.
– सब्ज़ियों या सागों को उबालने से बेहतर है कि उसे भाप में पकाकर खाएं. यदि उबालना ही हो तो कम पानी में उबालें. उबालने के बाद बचे हुए – पानी का इस्तेमाल सूप या दूसरी चीज़ें बनाने में कर सकें तो ठीक रहेगा.
– सलाद और सब्ज़ियों को कच्चे ही खाएं. सब्ज़ियों में पाया जाने वाला नाइट्रेट तभी सुरक्षित रह पाता है जब उन्हें पकाया न जाए. जब उन्हें पकाया या भूना जाता है तो नाइट्रेट की मात्रा कम हो जाती है.
– नाइट्रेट पानी में घुल जाता है. इसलिए जब हम इन सब्ज़ियों और सागों को उबालते हैं तो उनमें मौजूद कुछ नाइट्रेट पानी में घुल जाता है. इनका अचार बनाने पर भी नाइट्रेट बर्बाद हो जाता है.
– सूप बनाकर लें. पानी में घुलने वाला नाइट्रेट घुलकर भी सूप में ही रहता है. इसलिए सूप लेना ठीक होता है.

लहसुन के इस्तेमाल में न करें ये गलती 

– माइक्रोवेव में लहसुन को न डालें. आंच पर एलिसिन बहुत तेज़ी से ख़राब होता है, लेकिन माइक्रोवेव में तो यह पूरी तरह बर्बाद ही हो जाता है.
-लहसुन को अच्छे से पीस लें या जितना संभव हो उसे उतना बारीक टुकड़ों में काट लें. आप उसे जितना अच्छे से पीसेंगे या काटेंगे उससे उतना ही एलिसिन निकलेगा.
– पीसने या काटने के ​बाद लहसुन को जितना ज़ल्दी संभव हो उसे उपयोग में लाएं. 
– सूप या खाने के लिए तैयार की गई सब्ज़ियों में ऊपर से डालकर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. टोस्ट और मशरूम जैसी चीज़ों में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

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