मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को राज्य के दस जिलों में 14 राइस मिलों का शिलान्यास किया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि इन मिलों के खुलने के बाद सूबे के किसानों को धान की उचित मिल सकेगी। इस मौके पर वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव के साथ कई वरीय अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 50 से 60 लाख मीट्रिक टन धान की उपज होती है, लेकिन मौजूदा 80 राइस मिलों से केवल 15 लाख मीट्रिक टन धान की मिलिंग हो पाती है। इन 14 मिलों से हमारे धान खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकेगा। इसके लिए हमें राज्य में 100 राइस मिल लगानी होगी। इस दिशा में सरकार बढ़ रही है।
सीएम ने कहा कि हमारा प्रयास है कि आज जहां-जहां राइस मिलों का शिलान्यास हो रहा है, ये सभी जल्द बनकर किसानों की सेवा में समर्पित किया जा सके। झारखंड में फूड प्रोसेसिंग यूनिट को बढ़ावा देकर यहां के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। सरकार फसलों के रखरखाव, स्टोरेज एवं मिलिंग सहित सभी कड़ियों को ध्यान में रखते हुए संसाधनों को दुरुस्त करने में जुटी है। राज्य में पशुपालन, मत्स्य पालन के क्षेत्र में भी लगातार काम हो रहा है।
किसान के हाथों में उत्पादन की शक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड कृषि प्रधान राज्य है। यहां लगभग 70 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं। राज्य की सर्वांगीण उन्नति में असल कुंजी किसान ही हैं। किसान वह वर्ग हैं जिनके हाथों में उत्पादन की शक्ति होती है और इन्हीं हाथों को अपनी कल्याणकारी योजनाओं से मजबूत करने का प्रण राज्य सरकार ने लिया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, किसान समृद्ध बनें, उन्हें उपज का वाजिब कीमत मिले इसके लिए सरकार कृतसंकल्पित है। पहली बार राज्य में 14 राइस मिलों का शिलान्यास किया जा रहा है। किसानों के लिए अभी बहुत कुछ करना है।