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गोवा

Goa Election: ससुर के सामने भाजपा ने बहू को मैदान में उतारा, कांग्रेस की टूट गई आस

इस बार गोवा विधान सभा चुनाव में कई दिलचस्प मुकाबले देखने को मिलेंगे. इस बीच, भाजपा के एक दांव ने कांग्रेस के होश उड़ा दिए हैं.

पणजी: गोवा विधान सभा चुनाव (Goa Election 2022) को लेकर भाजपा (BJP) के एक दांव ने कांग्रेस (Congress) के होश उड़ा दिए हैं. गोवा की पोरिएम सीट (Poriem Assembly Seat) से भाजपा ने प्रताप सिंह राणे (Pratap Singh Rane) की बहू देविया राणे को मैदान में उतारा है. बहू के नाम की घोषणा होने के साथ ही ससुर ने अपनी दावेदारी वापस लेने का फैसला कर लिया है. यानी वो इस सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे. गौर करने वाली बात ये है कि 87 साल के राणे पोरिएम से 11 बार विधायक रह चुके हैं और एक भी चुनाव नहीं हारे हैं.

पहली बार किस्मत आजमाएंगी देविया

अपने मजबूत कैंडिडेट के इस तरह मैदान छोड़ने के फैसले से कांग्रेस परेशान है. उसके लिए ये एक बड़ा झटका है, क्योंकि पोरिएम सीट उसकी जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी. देविया के पति और प्रताप सिंह के बेटे विश्वजीत राणे भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं. वो वालपोई से चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार भाजपा ने पति के साथ पत्नी को भी चुनावी मैदान में उतारा है. देविया राणे अपना पहला चुनाव लड़ रही हैं. 

ससुर ने बढ़ती उम्र का दिया हवाला

बहू के चुनावी मैदान में उतरने के बाद प्रताप सिंह राणे ने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है. हालांकि, 87 साल के राणे का कहना है कि उन्होंने अपनी बढ़ती उम्र के चलते ये निर्णय लिया है, परिवार का कोई दबाव नहीं है. बता दें कि राणे इस सीट से 11 बार विधायक बने हैं और कभी हारे नहीं हैं. यही वजह है कि अपने वरिष्ठ नेता के इस तरह हाथ खड़े कर देने से कांग्रेस परेशान है.

पांच Couple चुनावी मैदान में

गोवा विधानसभा चुनाव में इस बार पांच दंपति किस्मत आजमा रहे हैं. यदि वे सभी जीत जाते हैं तो गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के एक चौथाई सदस्य पति-पत्नी होंगे. भाजपा की बात करें तो उसने जो जोड़ों को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं अपने एक ऐसे नेता को भी टिकट दिया है जिनकी पत्नी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में किस्मत आजमाएंगी. उधर, कांग्रेस और टीएमसी ने भी एक-एक दंपत्ति को टिकट दिया है.

डिप्टी सीएम की पत्नी लड़ेंगी निर्दलीय

डिप्टी सीएम चंद्रकांत कावलेकर के साथ-साथ उनकी पत्नी सावित्री कावलेकर भी चुनाव मैदान में हैं. चंद्रकांत अपनी पारंपरिक क्वेपेम सीट से BJP प्रत्याशी हैं, जबकि सावित्री पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर सांग्वेम से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगी. कांग्रेस की टिकट पर माइकल लोबो और उनकी पत्नी डेलिया चुनाव लड़ रहे हैं. बता दें कि पूर्व मंत्री माइकल अपनी पत्नी को भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस में आ गए थे.  

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