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हरियाणाः किसानों के लिए मुसीबत बन गई बिन मौसम बरसात, 16 हजार से ज्यादा किसानों ने मांगा मुआवजा

बिन मौसम बरसात किसानों के लिए नुकसान लेकर आई है। जनवरी महीने में हुई  बारिश ने रबी की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है। किसानों का अनुमान था कि इस बार बंपर उत्पादन होगा लेकिन बारिश ने इसपर पानी फेर दिया। अब किसान सरकारी राहत के लिए आवेदन करने को मजबूर हैं। आंकड़ों के मुताबिक 16617 किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 50 से 100 फीसदी नुकसान का दावा किया है। लगभग 5 हजार एकड़ में गेहूं, सरसों और चने की फसल के नुकसान का दावा किया गया है।

सरसों की फसल को बड़ा नुकसान


राज्य के कृषि विभाग के मुताबिक लगभग सभी जिलों से आवेदन किए गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक बारिश के बाद खेतों में पानी ठहरने से सरसों की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है। वहीं गेहूं और जौ की फसल भी खराब हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक रेवाड़ी से कम से कम 2538 ऐप्लिकेशन मिले हैं। यहां बड़ी मात्रा में सरसों का उत्पादन होता है। 

इसके अलावा अंबाला से 2110, सोनीपत से 1806, रोहतक  से 1770, नूह से 1435, चरखी दादरी से 1433, कुरुक्षेत्र से 930 और भिवानी से 901 आवेदन मिले हैं। अधिकारियों का कहना है कि बारिश की वजह से बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है। बड़ा क्षेत्र ऐसा भी है जो कि बीमा योजना के तहत कवर नहीं है।

कुरुक्षेत्र के एक किसान ने कहा, ‘बारिश की वजह से 17 एकड़ में आलू की फसल बर्बाद हो गई। इसके अलावा सरसों औऱ गेहूं की फसलों को भी नुकसान हुआ है। लेकन हमने कोई भी फसल बीमा नहीं ले रखा है।’ हरियाणा स्टेट ऐग्रिकल्चर डिपार्टमेंट के जॉइंट डायरेक्टर डॉ. जगराज दांडी ने कहा कि 1,67000 किसानों ने मुआवजे का आवेदन किया है औऱ वे चाहते हैं कि फिजिकल वेरिफिकेश किया जाए। काम शुरू कर दिया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री खट्टर ने भी कहा था कि जहां ज्यादा नुकसान हुआ है वहां किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

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