Jharkhand High Court News झारखंड हाईकोर्ट में दो मामलों में सुनवाई हुई। एक धनबाद में सरकारी स्कूल के अवैध नियुक्ति से जुड़ा है। वहीं दुसरा रांची के जल स्रोतों पर अतिक्रमण के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इन दोनों मामलों मे अदालत ने क्या कुछ कहा जानें…
रांची, (राज्य ब्यूरो)। Jharkhand High Court News आज शुक्रवार के दिन झारखंड हाईकोर्ट में दो मामलों पर सुनवाई हुई। जिसमें पहला मामला धनबाद में एक सरकारी स्कूल के अवैध नियुक्ति से जुड़ा है। वहीं दुसरा मामला रांची के जल स्रोतों पर अतिक्रमण के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका का है।
धनबाद के एक सरकारी स्कूल से जुड़ा मामला
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर के अदालत में अवैध नियुक्ति बताते हुए सरकारी स्कूल के क्लर्क को हटाए जाने के मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने इस बात को लेकर कड़ी नाराजगी जताई कि सरकार की ओर से कोर्ट में गलत बयानी की गई है, जिसके आधार पर कोर्ट ने पूर्व में अवमानना याचिका को निष्पादित कर दिया था।
दरअसल यह मामला धनबाद के एक सरकारी स्कूल से जुड़ा है। जहां पर चंद्रभूषण पाठक को 1993 में क्लर्क के पद पर नियुक्ति की गई लेकिन वर्ष 1997 में यह कहते हुए हटा दिया गया कि इनकी नियुक्ति गलत तरीके से हुई है। पूर्व में रिट पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि इस मामले में झारखंड सरकार ने यह साबित कर पाई है कि उनकी नियुक्ति गलत है, इसलिए उन्हें दोबारा बहाल किया जाए।
लेकिन झारखंड सरकार ने बहाल करने की वजह एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की। अपील में तीन साल तक सुनवाई नहीं होने के बाद वादी की ओर से एक बार फिर से इस मामले में याचिका दाखिल कर यथास्थिति की जानकारी दी गई। अदालत ने इस मामले में माध्यमिक शिक्षा के सचिव को अगली सुनवाई 11 फरवरी को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
रांची के जल स्रोतों पर अतिक्रमण के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई
रांची के जल स्रोतों पर अतिक्रमण के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने झारखंड सरकार से जवाब मांगा है। इसके अलावा जूलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के निदेशक को भी अगली सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
झारखंड सरकार से कोर्ट ने पूछा है कि धुर्वा और कांके डैम का कितना एरिया था और कितना अतिक्रमण हुआ है। इसके अलावा रांची के अन्य जल स्रोतों पर अभी कितना अतिक्रमण हुआ है। बड़ा तालाब के मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने नगर निगम से पूछा है कि इतना समय बीतने के बाद भी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट क्यों नहीं लगा है। उसकी क्या स्थिति है। मामले में अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी।