वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख के बीच आईटी और वित्तीय कंपनियों के शेयर में तेजी के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स बुधवार को 657 अंक ऊपर 58163 पर बंद हुआ। यह शुरुआती कारोबार में 400 अंक से अधिक चढ़ गया था। वहीं Nifty 50 197 अंक ऊपर बंद हुआ।
नई दिल्ली, पीटीआइ। Sensex-Nifty बुधवार को फिर ऊंचाई पर रहे। वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख के बीच आईटी और वित्तीय कंपनियों के शेयर में तेजी के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स बुधवार को 657 अंक ऊपर 58,163 पर बंद हुआ। वहीं Nifty 50 197 अंक ऊपर 17,463 पर बंद हुआ। सेंसेक्स में सबसे अधिक बढ़त मारुति में हुई। इसके अलावा विप्रो, एचसीएल टेक, टाइटन, इन्फोसिस, बजाज फिनसर्व, मारुति और बजाज फाइनेंस भी बढ़त दर्ज करने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर सन फार्मा, आइटीसी और Powergrid लाल निशान में थे।
इससे पहले मंगलवार को शेयर बाजारों में पिछले तीन कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर विराम लगा और कारोबार के अंतिम घंटे में ऊर्जा, धातु और वित्तीय शेयरों में लिवाली से बीएसई सेंसेक्स 187 अंक चढ़ गया। कारोबारियों के अनुसार इसके अलावा सौदों को पूरा करने के लिये की गयी लिवाली से शेयरों में तेजी आयी। इससे बाजार को नुकसान से उबरने में मदद मिली।
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 187.39 अंक यानी 0.33 प्रतिशत मजबूत होकर 57,808.58 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 53.15 अंक यानी 0.31 प्रतिशत लाभ के साथ 17,266.75 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा स्टील का शेयर 3.10 प्रतिशत की तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में रहा। इसके अलावा बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स, टाइटन और एक्सिस बैंक में भी प्रमुख रूप से तेजी रही।
दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में पावर ग्रिड, टीसीएस, अल्ट्राटेक सीमेंट, टेक महिंद्रा, कोटक बैंक, एलएंडटी, एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक शामिल हैं। इनमें 1.66 प्रतिशत तक की गिरावट रही। सेंसेक्स के 19 शेयर लाभ में, जबकि 11 नुकसान में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में अधिक उतार-चढ़ाव रहा। लेकिन अंत में यह लाभ में बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली से दबाव रहा लेकिन घरेलू निवेशकों की लिवाली से इससे निपटने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि यूरोपीय केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष की टिप्पणी से यूरोप के बाजारों में तेजी रही। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति रुख को कड़ा किये जाने की कम संभावना है। इससे वैश्विक निवेशकों की धारणा बेहतर हुई।