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हिजाब विवाद पर ये रिपोर्ट बढ़ा सकती है भारत की चिंता, रिपोर्ट में दावा- देश की छवि खराब करना चाहते हैं कुछ लोग

देश में इन दिनों हिजाब को लेकर हंगामा बरपा है। कुछ लोग हिजाब के समर्थन में है कुछ लोगों का मानना है कि ये मुद्दा भारत की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार हिजाब विवाद के सहारे भारत की छवि को खराब किया जा रहा है।

नई दिल्ली, एएनआइ: देश में इन दिनों हिजाब को लेकर हंगामा बरपा है। कुछ लोग हिजाब के समर्थन में खड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। तो कुछ लोगों का मानना है कि ये मुद्दा भारत की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है। एशियन लाइट इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, हिजाब विवाद के सहारे एक बहुलवादी देश के रूप में भारत की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है। एशियन लाइट इंटरनेशनल ने कहा कि, दुनिया में बहुत से लोग ठीक से नहीं जानते कि भारतीय राष्ट्र और संस्कृति क्या है? भारत दुनिया के सबसे विविध देशों में से एक होने के बावजूद एक अनुकरणीय लोकतंत्र है। भारत विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और जनजातियों, भाषाओं और व्यंजनों का देश है। यहां के विभिन्न समुदाय शांति और सौहार्दपूर्ण ढंग से रहते हैं।

एशियन लाइट इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, हिजाब को प्रतिबंधित करने वाले ड्रेस कोड के बारे में एक कालेज के फैसले का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के विश्वास में हस्तक्षेप करना नहीं है। इसे कालेजों और स्कूलों जैसे बड़े और अधिक रचनात्मक प्लेटफार्मों के माध्यम से एक एकजुट राष्ट्र बनाने के प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जाना चाहिए। शैक्षणिक संस्थान समान पोशाक, पाठ्यक्रम और गतिविधियों सहित समान अवसरों के माध्यम से आपस में समानता बनाना चाहते हैं। कालेज और स्कूल भारत की विविधता और बहुलवाद के बीच एक सामूहिक विकल्प विकसित करने का प्रयास कर रहा है।

हालांकि, स्कार्फ या हिजाब विवाद का मुद्दा हाल के दिनों में अधिक बार उठा है। क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि कुछ लोग अपने बंटवारे के खेल के लिए आम तौर पर मुसलमानों और विशेष रूप से लड़कियों को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। शैक्षिक संस्थानों में समान ड्रेस कोड और पाठ्यक्रम जैसे प्रतीकों का उपयोग करने का समान विचार छात्र समुदाय के बीच परिक्षेत्रों के निर्माण को रोकना है। जो स्वस्थ और प्रगतिशील आदान-प्रदान और बातचीत को बाधित करता है।

दरअसल, भारत ने विविधता को स्थान दिया है और इसे युगों तक पोषित किया। यहीं नहीं यहां की सांस्कृतिक ने आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया और उन्हें अपनी विशिष्टता बनाए रखने की अनुमति दी। एशियन लाइट इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के धार्मिक दर्शन को मानवता की गहरी भावना से रेखांकित किया गया है। जैसा कि “सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया” (हम सभी खुश रहें, हम सभी स्वस्थ रहें) और “वसुधैव कुटुम्बकम” (दुनिया एक परिवार है) के प्रतीक हैं।

इसके अलावा, भारत के संवैधानिक आदर्श स्वतंत्रता, न्याय, समानता और आधुनिकीकरण के सिद्धांतों पर आधारित हैं। इसने दुनिया के महान धर्मों के लिए जगह बनाई है। जिनमें से कुछ का जन्म भारत में हुआ है। जैसे बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और सबसे बढ़कर इस्लाम धर्म है। एक धार्मिक युद्ध लड़ने के बजाय भारतीय समाज ने आपसी सद्धभाव और धर्मों और संस्कृतियों के बीच समाहित करने को प्राथमिकता दी है।

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