All for Joomla All for Webmasters
दुनिया

DNA: क्या यूक्रेन पर आक्रमण करेगा रूस? देखें यह ग्राउंड रिपोर्ट

Russia Ukraine Conflict: भारत सरकार ने भी अपने नागरिकों के लिए Advisory जारी कर दी है और लोगों से कहा है कि वो यूक्रेन की यात्रा करने से बचें. जो भारतीय यूक्रेन में हैं, उन्हें भी बेवजह यात्रा ना करने की चेतावनी दी गई है.

  • क्या यूक्रेन पर आक्रमण करेगा रूस?
  • यूरोप के देशों ने अपनी तैयारी तेज़ कर दी
  • अमेरिका ने अलर्ट जारी कर पूरी दुनिया को चौंकाया

नई दिल्लीः यूक्रेन से बड़ी खबर आ रही है, जहां Russia ने पश्चिमी देशों को बातचीत का संदेश दिया है, लेकिन अभी  हमले का खतरा टला नहीं हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने खुद माना है कि हमला अगले 24 घंटे में, यानी 16 फ़रवरी को भी हो सकता है और इसीलिए उन्होंने 16 फ़रवरी को यूक्रेन में Unity Day यानी एकता दिवस मनाने का ऐलान कर दिया है. आज अमेरिका ने अपने दूतावास के बचे हुए कर्मचारियों को यूक्रेन की राजधानी कीव से Lviv (लिविव) शहर में शिफ़्ट कर दिया. ये शहर पोलैंड से सिर्फ़ 70 किलोमीटर दूर है और अगर Russia ने हमला किया, तो अमेरिका अपने कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाल सकता है. भारत सरकार ने भी अपने नागरिकों के लिए Advisory जारी कर दी है और लोगों से कहा है कि वो यूक्रेन की यात्रा करने से बचें. जो भारतीय यूक्रेन में हैं, उन्हें भी बेवजह यात्रा ना करने की चेतावनी दी गई है. यूक्रेन में भारतीय दूतावास लगातार काम कर रहा है और सरकार ने वहां पढ़ने वाले छात्रों और दूसरे भारतीय नागरिकों से कहा है कि वो देश लौटने या किसी भी तरह की मदद के लिए दूतावास के संपर्क में रहें.

कूटनीति की नाकामी से ही युद्ध होता है

अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ने एक बार कहा था कि War Is Failure of Diplomacy, यानी कूटनीति की नाकामी से ही युद्ध होता है. इसलिए Russia और यूक्रेन के बीच युद्ध टालने के लिए अंतिम प्रयास कूटनीति के मोर्चे पर किया जा रहा है. उसी के लिए जर्मनी के चांसलर यूक्रेन के राष्ट्रपति से मिले थे और उन्होंने मॉस्को में Russia के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की. पुतिन से बातचीत के बाद जर्मनी के चांसलर ने बताया कि Russia भी युद्ध नहीं चाहता और यूरोप में स्थायी शांति Russia को साथ लेकर ही कायम की जा सकती है. पुतिन ने भी कहा कि वो पश्चिमी देशों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं.

यूरोप के देशों ने अपनी तैयारी तेज़ कर दी

आपको याद होगा कि पिछले हफ़्ते ऐसी ही कोशिश फ़्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron ने भी की थी, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला था और इसीलिए यूक्रेन पर Russia के हमले से निपटने के लिए यूरोप के देशों ने अपनी तैयारी तेज़ कर दी है. हालांकि मंगलवार को Russia ने यूक्रेन की सीमा से अपने कुछ सैनिकों को वापस भी बुला लिया, लेकिन इसे गारंटी नहीं माना जा रहा है कि वो यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा. Russia के रक्षा मंत्री ने भी यही बताया है कि उसके सैनिक युद्धाभ्यास कर रहे थे और जिनका काम पूरा हो चुका है, उन्हें वापस उनके Base पर भेजा जा रहा है. हालांकि Russia ने ये नहीं बताया कि उसने कितने सैनिकों को वापस बुलाया है.

सुनी हुई बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता

बेलारूस और Black Sea में उसका युद्धाभ्यास अभी जारी है. इसलिए अमेरिका, NATO और खुद यूक्रेन के लोगों को भरोसा नहीं है कि युद्ध टल जाएगा. Russia के सैनिकों के वापस लौटने की ख़बर पर यूक्रेन का जवाब था कि सुनी हुई बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता. भरोसा उसी पर किया जा सकता है, जो दिखाई दे. और उन्हें अभी यूक्रेन की सीमा पर Russia के सैनिकों की तैनाती ही दिखाई दे रही है. Kyiv में मौजूद भारतीय दूतावास की तरफ़ से एक अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें यूक्रेन में मौजूद भारतीयों को अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी गई है और साथ ही ये भी कहा गया है कि यूक्रेन की मौजूदा अनिश्चितताओं को देखते हुए भारतीय नागरिक बिना किसी काम के बाहर ना जाएं. इस चेतावनी ने Russia और यूक्रेन के मौजूदा संकट को और चिंतानजक और तनावपूर्ण बना दिया है.

यूक्रेन में बेलारूस और Russia की सीमा से WION की ग्राउंड रिपोर्ट

इस समय पूरी दुनिया एक ही सवाल पूछ रही है कि क्या Russia, यूक्रेन पर हमला करने वाला है? पिछले 48 घंटों में यूक्रेन और Russia के बीच तनाव इस कदर बढ़ चुका है कि युद्ध की आहट ने कई देशों की चिंता और धड़कन दोनों बढ़ा दी है.. Kyiv में मौजूद भारतीय दूतावास की तरफ़ से एक अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें यूक्रेन में मौजूद भारतीयों को अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी गई है और साथ ही ये भी कहा गया है कि यूक्रेन की मौजूदा अनिश्चितताओं को देखते हुए भारतीय नागरिक बिना किसी काम के बाहर ना जाएं. इस चेतावनी ने Russia और यूक्रेन के मौजूदा संकट को और चिंतानजक और तनावपूर्ण बना दिया है.

अमेरिका ने अलर्ट जारी कर पूरी दुनिया को चौंकाया

युद्ध की आशंकाओं के बीच, अमेरिका की सुरक्षा एजेसियों ने ये अलर्ट जारी करके पूरी दुनिया को चौंका दिया है कि Russia कुछ ही घंटों में यूक्रेन पर एक बड़ा हमला कर सकता है. और अगर ऐसा हुआ, तो ये दूसरे विश्व युद्ध के बाद, सबसे बड़ा युद्ध होगा, क्योंकि इसमें कई बड़े देश आमने सामने होंगे. आइये आपको यूक्रेन और बेलारूस की सीमा से इस ग्राउंड रिपोर्टिंग में बताते हैं कि अगर युद्ध हुआ तो इसके क्या परिणाम होंगे. इस ग्राउंड रिपोर्टिंग का सफर शुरू होता है, Sen’Kivka Border से, जहां उत्तर की दिशा में यूक्रेन की सीमा शुरू होती है.

यूक्रेन में जारी तनाव का सबसे संवेदनशील इलाक़ा

हमारी सहयोगी पलकी शर्मा उपाध्याय ‘सेन किवका’ बॉर्डर क्रॉसिंग पर पहुंची. यह यूक्रेन में जारी तनाव का सबसे संवेदनशील इलाक़ा है. अगर रूस ने हमला किया, तो इस जगह से युद्ध की शुरुआत होगी, क्योंकि ये जगह तीन देशों की सीमा पर है. ये इलाका यूक्रेन के अधिकार क्षेत्र में आता है और अभी यहां हालात काफ़ी सामान्य है. हालांकि ये शांति, एक बड़े ख़तरे की आहट का भी संकेत देती है. क्योंकि ये सीमा के पास का वही इलाक़ा है, जहां से कुछ ही दूरी पर बेलारूस में Russia की सेना युद्धाभ्यास कर रही है. और युद्धाभ्यास भी ऐसा कि अमेरिका को आशंका है कि Russia किसी भी समय यूक्रेन पर सीधा हमला कर सकता है, जिसकी शुरुआत इसी Sen’Kivka Border से हो सकती है.

600 मील लंबी सीमा का अत्यधिक ख़तरनाक क्षेत्र

यूक्रेन की लगभग एक हज़ार किलोमीटर लंबी सीमा बेलारूस के साथ जुड़ी हुई है, जहां Russia के सैनिक मौजूद हैं. जब हम सेन किवका बॉर्डर क्रॉसिंग से सीमा की तरफ़ बढ़े, तो यूक्रेन के Border Guards ने हमें अकेले आगे नहीं जाने दिया. इससे आप हालात और खतरे का अन्दाजा लगा सकते हैं. यहां से बेलारूस में रूस के सैनिकों युद्धाभ्यास साफ दिखाई दिया. जिसमें S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम, Su-35 लड़ाकू विमान, Iskander मिसाइल और टैंकों के साथ रूस के 30 हज़ार सैनिक शामिल हैं. रूस के रक्षा मंत्री बेलारूस में युद्धाभ्यास की निगरानी कर रहे हैं, जिन्हें राष्ट्रपति पुतिन का दाहिना हाथ माना जाता है. हालांकि यूक्रेन की तरफ़ सीमा पर सैनिकों का कोई जमावड़ा नहीं नज़र आ रहा. यहां दूर-दूर तक बर्फ़ ही नज़र आती है, लेकिन यूक्रेन के सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि वो पूरी तरह तैयार हैं. यूक्रेन के पूर्व रक्षा मंत्री ने बेलारूस से जुड़ी 600 मील लंबी सीमा का अत्यधिक ख़तरनाक क्षेत्र है.

डिप्लोमेसी के साथ डिप्लॉयमेंट की रणनीति पर भी ज़ोर

जब पूरी दुनिया की नज़र यूक्रेन पर है, तब यूक्रेन डिप्लोमेसी के साथ डिप्लॉयमेंट की रणनीति पर भी ज़ोर दे रहा है. उसने सीमा के पास इस इलाक़े में बर्फ़ और कीचड़ से भरे रास्तों पर बारूदी सुरंगों का जाल बिछा हुआ है. ताकि अगर Russia के सैनिक हमला करने के लिए आगे बढ़ते हैं तो उन्हें किसी तरह रोका जा सके.

सवाल- कीव की सुरक्षा के लिए पहली पंक्ति में तैनात महिला सैनिक से जब पूछा गया कि.. कहा जा रहा है कि हमला होगा, तो इसी सड़क से होगा. हमले का पहला प्वाइंट यही होगा. क्या आप ख़तरे के बारे में जानती हैं.?

जवाब- महिला सैनिक ने जवाब दिया कि हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं. हमारे पास सभी तरह के प्रोफेशनल और विशेषज्ञ हैं. हमें पता है कि हम अग्रिम मोर्चे पर हैं. सीमा के सबसे नजदीक हैं और हम सेना के साथ सहयोग कर रहे हैं. वो भी सीमा के नजदीक ही हैं.

सवाल- सीमा पर ट्रक और ट्रैफिक चल रहा है. क्या पिछले कुछ हफ़्तों से सुरक्षा की चिंता बढ़ी है?

जवाब- पिछले 7 साल से हमारे इलाक़े रूस के क़ब्ज़े में हैं और हम सीमा पर किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं. पिछले दो हफ़्ते से हालात में कोई बदलाव नहीं हुआ है. हम नियमित रूप से तैनात हैं.

सवाल- आपको लगता है कि युद्ध होगा?

जवाब- हम सभी परिस्थितियों के लिए तैयार हैं.

यूक्रेन, Russia और बेलारूस के भाईचारे की मिसाल वाला इलाका

आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस बॉर्डर पर युद्ध को लेकर संघर्ष जारी है, वही इलाक़ा एक ज़माने में यूक्रेन, Russia और बेलारूस के भाईचारे की मिसाल माना जाता था. सोवियत संघ के दौर में वर्ष 1975 में Sen’Kivka में तीनों देशों की दोस्ती की निशानी के लिए एक स्मारक बनाया गया था. Sen’Kivka Border Check Point से लगभग 500 मीटर उत्तर दिशा में वो स्मारक आज भी मौजूद है. सोवियत संघ के विघटन के बाद भी दोस्ती के इस स्मारक पर हर साल जून में सांस्कृतिक उत्सव होता था, जहां यूक्रेन, बेलारूस और Russia के लोग जश्न मनाते थे, लेकिन वर्ष 2014 में यूक्रेन पर Russia ने हमला किया और उसी के बाद यूक्रेन के लोगों को उस उत्सव में शामिल होने से भी रोक दिया गया.

तीनों देशों के बॉर्डर पर बसा यूक्रेन का अंतिम गांव

ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान हमारी टीम बॉर्डर क्रॉसिंग के पास एक गांव में भी गई, जिसका नाम Sen’Kivka ही है. तीनों देशों के बॉर्डर पर बसा यूक्रेन का ये अंतिम गांव है, जहां इस वक़्त सन्नाटा छाया हुआ है. हालांकि लोग अभी गांव में ही हैं, लेकिन बहुत ज़रूरी होने पर ही अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं. यूक्रेन के सबसे उत्तर में सीमा से नजदीक सेन किवका गांव में लगभग 150 लोग रहते हैं. इस गांव के लोग युद्ध की दहलीज पर हैं. वे बेचैनी और तनाव में जी रहे हैं, लेकिन गांव के लोग रूस के साथ युद्ध की आशंका के बारे में किसी से कोई बात नहीं करना चाहते. इस गांव के लोगों के पास ये सहूलियत भी नहीं है कि वो हमले की आशंका को नज़रअंदाज़ कर सकें. इस गांव से सोवियत युग के भाईचारे का स्मारक तो छीन ही चुका है और अब वे डरे हुए हैं कि अगर हमला हुआ, तो इनका गांव भी नहीं बचेगा. वही सबसे पहले ख़त्म होगा.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top