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बिहार

चाय पीते हुए कोई कांच का गिलास निगल सकता है क्या? आपरेशन करने वाले मुजफ्फरपुर के डाक्टर के उड़े होश

Unique Incident मुजफ्फरपुर के माड़ीपुर निवासी डा. महमुदुल हसन के यहां इलाजरत एक मरीज के आपरेशन के बाद पेट से निकला शीशे का गिलास। डाक्टर के पास है आपरेशन का वीडियो फुटेज। मरीज ने जो कुछ कहा उस पर नहीं हो रहा किसी को भी यकीन।

मुजफ्फरपुर, जासं। Unique Incident: अगर कोई कहे कि चाय पीते हुए शीशे का गिलास उसके पेट में चला गया तो आपको विश्वास होगा? निश्चय ही आपका जवाब होगा- नहीं। मुजफ्फरपुर में वैशाली के एक मरीज के पेट के आपरेशन में डाक्टर को शीशे का गिलास मिला है। होश में आने के बाद मरीज ने कहा, चाय पीते हुए यह घटना हुई। इस जवाब पर अब तक किसी को भी भरोसा नहीं हो रहा है। डाक्टर का दिमाग भी चकरा गया है। जिसने भी इसके बारे में सुना, वह पूछ रहा है, क्या शीशे को निगल पाना संभव है? 

एक सप्ताह के बाद फिर से जांच

वैशाली के एक मरीज के पेट दर्द के बाद हुई जांच में शीशे का गिलास निकला है। आपरेशन करने वाले चिकित्सक के इससे होश उड़ गए। आपरेशन करने वाले चिकित्सक डा. महमुदुल हसन ने बताया कि मरीज की हालत में सुधार होने के बाद उसको घर भेज दिया गया है, लेकिन उससे नियमित संवाद हो रहा है। एक सप्ताह के बाद फिर उसकी जांच होगी।

इस तरह से चला इलाज का क्रम

वैशाली जिले के महुआ क्षेत्र का एक मरीज कब्ज और तीव्र पेट दर्द से परेशान होकर माड़ीपुर के डॉ. महमुदुल हसन के क्लीनिक पर पहुंचा। डा. हसन ने बताया कि मरीज की अल्ट्रासाउंड और एक्सरे रिपोर्ट से पता चला था कि उसकी आंतों में कुछ गंभीर गड़बड़ी है। आपरेशन के बाद उसके पेट से कांच का गिलास निकला। चिकित्सक ने कहा कि कांच का गिलास मरीज के शरीर के भीतर कैसे पहुंचा, यह अभी तक एक रहस्य बना हुआ है। उन्होंने बताया कि मरीज ने कहा कि उसने चाय पीते समय गिलास निगल लिया। इसकी कोई ठोस व्याख्या नहीं है। इंसान की भोजन नली ऐसी किसी वस्तु के प्रवेश करने के लिए बहुत संकरी है।

आंत की दीवार चीरकर गिलास निकालना पड़ा

डा.हसन ने बताया कि शुरुआती दौर में एक एंडोस्कोपिक प्रक्रिया के जरिये कांच के गिलास को मलाशय से बाहर निकालने का प्रयास किया गया था, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली, उसके बाद आपरेशन करना पड़ा और मरीज की आंत की दीवार चीरकर गिलास निकालना पड़ा। आपरेशन के बाद मरीज की हालत स्थिर है। सर्जरी के बाद मलाशय को ठीक कर दिया गया है और एक फिस्टुलर ओपनिंग बनाई गई है, जिसके माध्यम से वह मलत्याग कर सकता है। कुछ महीनों में मरीज के पेट के ठीक होने की उम्मीद है, जिसके बाद फिस्टुला को बंद कर दिया जाएगा। उसके बाद आंतें सामान्य रूप से काम करने लगेंगी। डा.हसन ने बताया कि उनके लिए यह अनोखा वक्त था। लेकिन सर्जरी के जरिए उसका निदान निकला। उनके पास मरीज का एक्स रे व वीडियो फुटेज है। 

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