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जम्मू और कश्मीर

जम्मू-कश्मीर में बिजली विभाग के दैनिक वेतनभोगी होंगे नियमित, 12 हजार दैनिक कर्मियों को होगा लाभ

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पीडीएल वर्ष 2015 से पहले नियुक्त किए गए दैनिक वेतनभोगियों को कहा जाता है। इनके सेवाएं नियमित नहीं हैं लेकिन इन्हें स्थायी माना जाता है।जम्मू कश्मीर में बिजली और जलशक्ति विभाग में ही सबसे ज्यादा अस्थायी और दैनिक वेतनभोगी कर्मी हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर प्रदेश सरकार ने शनिवार को ऊर्जा विकास विभाग के दोनों निगमों द्वारा पीडीएल और टीडीएल कर्मियों की सेवाओं को नियमित बनाने के लिए तय भर्ती नियमावली का अनुमोदन कर दिया है। इससे जम्मू कश्मीर बिजली विभाग में कार्यरत करीब 12 हजार दैनिक वेतनभोगी लाभान्वित होंगे। बिजली विभाग मेंं दैनिक वेतनभोगियों के दो वर्ग पीडीएल और टीडीएल हैं।

टीडीएल उन दैनिक वेतनभोगियों को कहा जाता है,जिन्हे बिजली विभाग की किसी परियोजना विशेष में नियुक्त किया जाता है। परियोजना की समाप्ती के साथ इनकी सेवाएं समाप्त हो जाती हें,लेकिन कई योजनाएं पूरी नहीं हुईै और टीडीएल की सेवाएं लगातार ली जाती रही हैं। पीडीएल वर्ष 2015 से पहले नियुक्त किए गए दैनिक वेतनभोगियों को कहा जाता है। इनके सेवाएं नियमित नहीं हैं, लेकिन इन्हें स्थायी माना जाता है।जम्मू कश्मीर में बिजली और जलशक्ति विभाग में ही सबसे ज्यादा अस्थायी और दैनिक वेतनभोगी कर्मी हैं। बिजली विभाग में दैनिक वेतनभोगियों की सेवाओं को नियमित करने के समर्थन में कई बार हड़ताल हुई है।

21 दिंसबर 2021 को बिजली विभाग के कर्मियों द्वारा प्रदेश में की गई तीन दिवसीय हड़ताल में शामिल कर्मियों की मुख्य मांगों में एक पीडीएल और टीडीएल सेवाओं को नियमित किए जाने की थी।पीडीएल और टीडीएल की सेवाओं को जम्मू कश्मीर ऊजा्र विकास विभाग अधीनस्थ सेवा भर्ती नियम, 1981 के तहत ऊर्जा विकास विभाग में रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों के अनुरुप नियमित किया जाता रहा है। लेकिन दैनिक वेतनभोगियों और आवश्यक्तानुरुप कर्मियों की नियुक्ति पर पाबंदी और वर्ष 2018 में जारी एसआरओ-404 के तहत जारी भर्ती नियमों के कारण बिजली विभाग में कार्यरत कई पीडीएल व टीडीएल कर्मियों का भविष्य अधर में लटक गया था।

हालांकि वर्ष 2012 में तत्कालीन जम्मू कश्मीर सरकार ने भर्ती नियमों के अनुरुप ँऊर्जा विभाग में उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर इनकी सेवाएं नियमित किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित भी किया था।वर्ष 2019 में ऊर्जा विकास विभाग को पुनर्गठित करते हुए उसे विभिन्न निगमों में बांटा गया ताकि प्रदेश में उपभोक्ताओं को नियमित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के साथ ही बिजली संप्रेषण और वितरण में होने वाले घाटे पर काबू पाया जाए। निगमों के गठन के समय पीडीएल व टीडीएल कर्मियों की सेवाओं को नियमित करने के संदर्भ में कोई प्रविधान नहीं किया गया था। इससे यह वर्ग पूरी तरह प्रभावित हो रहा था।ऊर्जा विकास विभाग ने विभागीय कार्यबल की समस्याओं को कम करने के लिए कई उपाय लागू किए और उसके आधार पर ही निगमों ने भर्ती नियमों का प्रविधान करते हुए विभागीय कर्मियों के लिए बीमा कवरेज, कर्मियों की सभी न्यायसंगत समस्याओं को हल करने के पूरी तरह परिभाषित तंत्र तैयार किया है। भर्ती नियम वर्ष 2020 में बिजली विभाग को निगमों में बदले जाने की प्रक्रिया के तहत किए गए वादे के अनुरुप ही हैं। 

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