All for Joomla All for Webmasters
जरूरी खबर

Russia के लिए तीन दशक में सबसे बुरे हालात, लगातार कमजोर हो रही रूसी करंसी Ruble

यूक्रेन पर जारी जंग के बीच रूस के लिए आर्थिक हालात मुश्किल होते जा रहे हैं। अमेरिका समेत यूरोपीय देश आर्थिक प्रतिबंध कड़े कर रहे हैं। इससे रूस की मुद्रा Ruble लगातार कमजोर हो रही है। आज हालात Ruble Crisis की याद दिला रहे हैं।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। रूस और यूक्रेन में चल रही लड़ाई के बीच अमेरिका और दूसरे यूरोपीय देशों के आर्थिक प्रतिबंध (Economic Sanctions on Russia) थोपने से Russian Ruble मुद्रा रसातल में चली गई है। डॉलर के मुकाबले रूस की मुद्रा में सिर्फ एक दिन में 30 फीसद की कमजोरी दर्ज की गई। इसे संभालने के लिए रूस ने मंगलवार को बाजार बंद रखा। लेकिन बुधवार को यह 1 डॉलर के मुकाबले और कमजोर होकर 109 पर आ गई। बीते एक हफ्ते में मुद्रा सबसेे ज्‍यादा कमजोर

होकर 116.8 तक गई है।

ये भी पढ़ें- Ration Card: अब घर बैठे बनवाएं राशन कार्ड, जानिए कैसे करें ऑनलाइन आवेदन

सोमवार की बात करें तो Ruble शुक्रवार के 83 के मुकाबले कमजोर होकर 108 पर आ गई थी। 3 सितंबर 1998 के बाद रूसी मुद्रा में यह एक दिनी सबसे बड़ी कमजोरी है। बुधवार को डॉलर के मुकाबले मुद्रा में कमजोरी और बढ़ गई। इस समय INR (भारतीय करंसी) में बात करें तो 1 भारतीय रुपया 1.32 रूसी रूबल के बराबर है, जबकि एक डॉलर 75 भारतीय रुपये के बराबर है।

Ruble Vs US Dollar

एक महीने पहले 1 डॉलर बराबर: 76.2 Ruble

ये भी पढ़ेंLIC IPO Update: वैश्विक कारणों से बाजार में उठापटक के चलते टल सकता है एलआईसी का आईपीओ!

एक हफ्ते पहले कमजोरी बढ़ी : 81.4 Ruble

कमजोरी (2 मार्च का रेट) और बढ़ी : 108.5 Ruble

सबसे ज्‍यादा कमजोरी दर्ज हुई : 116.8 Ruble

क्‍या है वजह

Ruble के और कमजोर होने का कारण रूस के सेंट्रल बैंक पर पाबंदी लगना है। अमेरिका समेत यूरोपीय देशों ने उसे अपने विदेशी मुद्रा रिजर्व को इस्‍तेमाल में लाने से रोक दिया है। हालांकि Ruble को बचाने के लिए रूस के सेंट्रल बैंक ने फौरी उपाय किए। मसलन उसने ब्‍याज दर को डबल कर दिया। सोमवार को ब्‍याज दर 9.5 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद कर दी। इसके साथ ही मुद्रा और इकोनॉमी को बचाने के लिए विदेशी निवेशकों की बिकवाली पर पाबंदी लगा दी।

Ruble Crisis क्‍या है

बता दें कि शनिवार को अमेरिका, फ्रांस, यूरोपीय यूनियन, जर्मनी, इटली, कनाडा और ब्रिटेन ने संयुक्‍त बयान जारी किया था। इसमें कहा गया कि रूस के सेंट्रल बैंक पर नए प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। उन्‍हें Swift मैसेजिंग सिस्‍टम से बाहर किया जा रहा है। यह प्रतिबंध पहले से ज्‍यादा सख्‍त हैं। इन देशों का मकसद रूस को अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय से अलग-थलग करना है। इससे वह किसी भी देश के साथ ट्रेड नहीं कर पाएगा। 1998 की घटना को Ruble crisis के नाम से जाना जाता है। उस समय रूसी सरकार ने कर्ज की अदायगी में डिफॉल्‍ट किया था। तब रूसी मुद्रा में एक दिन में बड़ी कमजोरी दर्ज की गई थी।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top