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वित्त वर्ष 2022 में भारत से पैसेंजर व्हीकल्स का निर्यात 43 प्रतिशत बढ़ा, मारुति ने किया ज्यादा एक्सपोर्ट

वित्त वर्ष 2022 में भारत से पैसेंजर वाहनों का निर्यात 43 प्रतिशत तक बढ़ा है। इसमें मारुति सुजुकी सबसे ऊपर है। भारत से सबसे ज्यादा मारुति सुजुकी ने पैसेंजर वाहनों को निर्यात किया है। SIAM ने एक रिपोर्ट जारी कर इसकी जानकारी दी है।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। उद्योग निकाय सियाम (SIAM) के नए आंकड़ों के अनुसार भारत से पैसेंजर व्हीकल निर्यात में वित्त वर्ष 2022 में 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें मारुति सुजुकी इंडिया 2.3 लाख से अधिक यूनिट्स के साथ सबसे टॉप पर है। आंकड़ों के मुताबकि 2021-22 के वित्तीय वर्ष में कुल पैसेंजर व्हीकल्स (पीवी) निर्यात 5,77,875 यूनिट्स का रहा, जबकि 2020-21 में 4,04,397 यूनिट्स का था।

पीवी और यूटिलिटी वाहनों के शिपमेंट में वृद्धि

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के आंकड़ों से पता चलता है कि पैसेंजर कार शिपमेंट में 42 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो अब 3,74,986 यूनिट्स हो गई। वहीं, यूटिलिटी वाहन निर्यात 46 प्रतिशत बढ़कर 2,01,036 यूनिट्स पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में वैन का निर्यात बढ़कर 1,853 यूनिट हो गया, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 1,648 यूनिट था। मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) ने पिछले वित्त वर्ष में वर्टिकल का नेतृत्व किया, इसके बाद हुंडई मोटर इंडिया और किआ इंडिया क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं।

इन 5 मॉडलों को निर्यात करती है कंपनी 

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी MSI ने पिछले वित्त वर्ष में 2,35,670 PV का निर्यात किया था, जो कि 2020-21 के वित्तीय वर्ष में 94,938 यूनिट की तुलना में दो गुना अधिक है। एमएसआई के शीर्ष पीवी निर्यात बाजारों में लैटिन अमेरिका, आसियान, अफ्रीका, मध्य पूर्व और पड़ोसी क्षेत्र शामिल हैं, जबकि इसके टॉप पांच निर्यात मॉडल में बलेनो, डिजायर, स्विफ्ट, एस-प्रेसो और ब्रेजा शामिल हैं।

अन्य कंपनियों ने भी किया निर्यात

हुंडई मोटर इंडिया का विदेशी डिस्पैच पिछले वित्त वर्ष के दौरान 1,29,260 यूनिट रहा, जो 2020-21 से 1,04,342 से 24 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह, किआ इंडिया ने वैश्विक बाजारों में 50,864 यूनिट्स का निर्यात किया, जबकि 2020-21 में 40,458 यूनिट्स का निर्यात किया गया था। वहीं, फॉक्सवैगन इंडिया ने वित्त वर्ष 2012 में 43,033 यूनिट्स का निर्यात किया, जबकि वित्त वर्ष 2011 में 31,089 यूनिट्स का निर्यात किया गया था। रेनॉ इंडिया ने पिछले वित्त वर्ष में 24,117 यूनिट्स की शिप की, जबकि होंडा कार्स ने 19,323 यूनिट्स की बिक्री की।

इस कारण कंपनी के निर्यात में हुई वृद्धि

एमएसआई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिसाशी टेकुची ने कहा कि मजबूत मांग के साथ-साथ निर्यात यूनिट्स के लिए सेमीकंडक्टर की बेहतर उपलब्धता के कारण कंपनी के निर्यात में वृद्धि हुई है। घरेलू बाजार के लिए हमारा कुल उत्पादन सेमीकंडक्टर की कमी के कारण प्रतिबंधित था।

वहीं, एमएसआई के कॉर्पोरेट मामलों के कार्यकारी निदेशक राहुल भारती ने आगे विस्तार से बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कार निर्माता ने विश्व स्तर पर एक स्वस्थ निर्यात बाजार विकसित किया है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में हमारे निर्यात में भारी वृद्धि करने के लिए नए सिरे से प्रयास किए गए थे। हमने बिक्री और सेवा नेटवर्क तक पहुंच बढ़ाई और ग्राहक के करीब जाने के लिए नए अवसर बनाएं।

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