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गोल्ड लोन की ब्याज दर को कौन से फैक्टर प्रभावित करते हैं, एक्सपर्ट से समझिए पूरा डिटेल

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंक या कोई भी लेंडर आपको आपके सोने के मूल्य का अधिकतम 75% दे सकता है. गोल्ड लोन पर ब्याज दरें आमतौर पर 7% से कम से शुरू होती हैं और 18% तक जाती हैं. लोन राशि और उधारकर्ता की आय दो प्रमुख कारक हैं जो ब्याज दर निर्धारित करते हैं.

Gold Loan : गोल्ड लोन एक ऐसा विकल्प है जो आर्थिक संकट में आपको सोने के गहनों और सिक्कों पर उधार लेने की सुविधा देता है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंक या कोई भी लेंडर आपको आपके सोने के मूल्य का अधिकतम 75% दे सकता है. चूंकि सोने की कीमतों में रोजाना उतार-चढ़ाव होता है, इसलिए अधिकांश ऋणदाता आपके सोने के मूल्य का अनुमान सोने की बाजार दर के अनुसार उस दिन लगाएंगे जिस दिन आप लोन के लिए आवेदन करेंगे.

गोल्ड लोन पर ब्याज दरें आमतौर पर 7% से कम से शुरू होती हैं और 18% तक जाती हैं. लोन राशि और उधारकर्ता की आय दो प्रमुख कारक हैं जो ब्याज दर निर्धारित करते हैं. लोन की राशि जितनी बड़ी होगी, ब्याज दर उतनी ही अधिक होगी. एक नियमित और उच्च आय होने पर लोन की ब्याज दर कम पर मिलती है.

सोने की शुद्धता ब्याज दर को बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं करती
एक्सपर्ट के मुताबिक, ‘अगर सोने के गहनों में कीमती रत्न जड़े हैं, तो ऐसे जोड़े गए टुकड़ों के वजन को गिरवी रखे गए सोने का मूल्य निर्धारित करने के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान बाहर रखा जाएगा.’

एक्सपर्ट के अनुसार, सोने की शुद्धता ब्याज दर को बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं करती है. सोने की शुद्धता और ब्याज दर के बीच कोई सीधा संबंध नहीं होता है. कुछ मामलों में, मान लें कि जब गिरवी रखा सोना 18k शुद्धता का होता है, तो लागू ब्याज दर मामूली रूप से प्रभावित हो सकती है,.

क्रेडिट स्कोर का भी असर नहीं
“क्रेडिट स्कोर का भी गोल्ड लोन में ब्याज दरों पर कोई असर नहीं पड़ता है. इसकी मुख्य वजह है गोल्ड लोन के लिए उधारकर्ता के पास क्रेडिट स्कोर की आवश्यकता नहीं होती है. क्योंकि जो भी लेंडल लोन देता है वह पहले सोने के मूल्य से 25 फीसदी कम रकम देता है. ऐसी परिस्थिति में सोना गारंटी के तौर पर भी होता है इसलिए क्रेडिट स्कोर बहुट मैटर नहीं करता है.

कुछ एनबीएफसी और बैंक 2% तक (जीएसटी को छोड़कर) का फोर्सक्लोजर फी लेते हैं. यानी अगर आप समय से पहले लोन चुकता करते हैं तो यह चार्ज देना पड़ता है. बैंक और एनबीएफसी फोर्सक्लोजर फी लेते हैं, जबकि लगभग सभी नए जमाने के डिजिटल ऋणदाता केवल ब्याज दर लेते हैं.”

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