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Tax on Gold : आपको भी बेचना है सोना तो समझ लें टैक्‍स का गणित, इन तरीकों से बचा सकते हैं पूरी कर देनदारी

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अक्षय तृतीया के मौके पर सोने की खरीद के साथ कुछ लोग इसे बेचकर मुनाफा भी कमाना चाहते होंगे. ऐसे निवेशकों को यह ध्‍यान रखना चाहिए कि शेयर और बॉन्‍ड की तरह सोने की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर भी आपको टैक्‍स देना पड़ता है. हालांकि, कुछ खास जगह निवेश कर आप इस टैक्‍स देनदारी से भी पूरी तरह बच सकते हैं.

नई दिल्‍ली. आज अक्षय तृतीया के मौके पर बाजारों में सोने के आभूषण खरीदने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है. इस मौके पर कुछ लोग अपने पुराने आभूषणों को बेचने की भी तैयारी में होंगे. ऐसे लोगों के लिए यह जानना जरूरी है कि सोने की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर भी आपको टैक्‍स देना पड़ेगा.

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दरअसल, शेयर और बॉन्‍ड की तरह सोने की बिक्री पर भी होल्डिंग पीरियड के हिसाब से कैपिटल गेन टैक्‍स वसूला जाता है. अगर आप भी सोना बेच रहे हैं तो इस तरह की कर देनदारी के दायरे में आ सकते हैं, लेकिन आयकर की धारा 54एफ के तहत आपको इस तरह के कैपिटल गेन पर टैक्‍स बचाने का पूरा मौका मिलता है. सोने की बिक्री से हुए लाभ पर टैक्‍स बचाने के विकल्‍पों को ऐसे इस्‍तेमाल कर सकते हैं.

हर तरह के कैपिटल गेन पर मिलेगी छूट

आयकर विशेषज्ञों का कहना है कि धारा 54एफ के तहत सोने की बिक्री पर ही नहीं, बल्कि शेयर, बॉन्‍ड, म्‍यूचुअल फंड अथवा प्रॉपर्टी की बिक्री से होने वाले कैपिटल गेन टैक्‍स पर भी पूरी तरह छूट दी जाती है. इसके लिए आयकर विभाग ने विशेष प्रावधान किए हैं. हालांकि, यह फायदा सिर्फ व्‍यक्तिगत करदाता अथवा हिंदू अविभाज्‍य परिवार (HUF) को दिया जाता है.

इन विकल्‍पों में निवेश से मिलेगी छूट

-अगर आप सोने की बिक्री से होने वाले मुनाफे को दोबारा मकान खरीदने या बनवाने में इस्‍तेमाल करते हैं तो इस पूरी राशि पर टैक्‍स छूट मिल जाएगी.

-इस संपत्ति में निवेश सोने की बिक्री के एक साल के भीतर ही करना होगा, तभी छूट मिल सकेगी.

-इतना ही नहीं अगर आप सोने की बिक्री के तीन साल के भीतर निर्माणाधीन संपत्ति में निवेश करते हैं तो भी टैक्‍स छूट मिलेगी.

अगर तत्‍काल निवेश नहीं कर सके तो…

कई बार ऐसा भी होता है कि सोने की बिक्री के तत्‍काल बाद उस राशि को किसी आवासीय संपत्ति में निवेश करना संभव नहीं हो पाता है. ऐसे में आपको किसी भी सरकारी बैंक में कैपिटल गेन अकाउंट खुलवाकर उसमें यह राशि जमा कर देनी चाहिए. इसके बाद आप तय समयसीमा के भीतर किसी संपत्ति को खरीदने या मकान बनवाने के लिए इस राशि का इस्‍तेमाल कर सकेंगे और आप पर टैक्‍स देनदारी भी नहीं आएगी.

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ऐसे समझें छूट का गणित

अगर आपने वित्‍तवर्ष 2011-12 में 10 लाख रुपये के सोने की खरीद की थी और उसे वित्‍तवर्ष 2021-22 में 18 लाख रुपये में बेचा है तो आपको वैसे तो 8 लाख रुपये का मुनाफा हुआ लेकिन लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स की गणना करते समय इंडेक्‍शेसन का लाभ दिया जाएगा. इंडेक्‍शेसन की गणना के लिए कॉस्‍ट इन्‍फ्लेशन इंडेक्‍श (CII) निकालना होगा.

वित्‍तवर्ष 2011-12 के लिए CII 184 रहा जबकि 2021-22 के लिए यह 317 रहा. अब एक्‍चुअल CII 1.72 निकलेगा. इंडेक्‍शेसन की गणना के लिए सोने के खरीद मूल्‍य 10 लाख को इंडेक्‍शेसन से गुणा करेंगे तो 17 लाख रुपये आएगा. इसमें टैक्‍स की देनदारी के वास्‍तविक राशि के लिए बिक्री मूल्‍य में से इंडेक्‍शेसन की राशि को घटाएंगे तो 1 लाख रुपये आएगा. इसका मतलब है कि आपको सिर्फ एक लाख रुपये पर लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स (20 फीसदी) लगेगा. अब आयकर की धारा 54एफ के तहत यह राशि भी पूरी तरह टैक्‍स छूट में जाएगी अगर आप संपत्ति में निवेश करते हैं.

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