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ब्लडप्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली 84 दवाओं की कीमत तय, मर्जी से दाम नहीं बढ़ा पाएंगी कंपनियां

एनपीपीए ने देश 84 दवाओं की खुदरा कीमत तय की है. ये दवाएं मधुमेह, सिरदर्द और उच्च रक्तचाप के इलाज में इस्तेमाल होती हैं. आदेश के अनुसार, वोग्लिबोस और (एसआर) मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड की एक टैबलेट की कीमत जीएसटी को छोड़कर 10.47 रुपये होगी. 

नई दिल्ली. दवाओं की कीमत तय करने संबंधी नियामक एनपीपीए ने डायबिटीज, सिरदर्द और उच्च रक्तचाप के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 84 दवाओं के लिए खुदरा कीमतें तय की हैं. राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने के लिए फॉर्मूलेशन की कीमत भी तय की हैं.

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नियामक ने एक अधिसूचना में कहा कि दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 द्वारा मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए एनपीपीए ने दवाओं की खुदरा कीमतें तय की हैं. आदेश के अनुसार, वोग्लिबोस और (एसआर) मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड की एक टैबलेट की कीमत जीएसटी को छोड़कर 10.47 रुपये होगी. अब कंपनियां अपनी मर्जी से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं कर सकती.

पैरासिटामोल और कैफीन की कीमत तय
इसी तरह पैरासिटामोल और कैफीन की कीमत 2.88 रुपये प्रति टैबलेट तय की गई है. इसके अलावा एक रोसुवास्टेटिन एस्पिरिन और क्लोपिडोग्रेल कैप्सूल की कीमत 13.91 रुपये तय की गई है. ये ऐसी दवाएं हैं जो आम तौर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती हैं.

नियम न मानने पर जुर्माना
एनपीपीए ने एक अधिसूचना में कहा कि फार्मास्युटिकल कंपनियों को निश्चित कीमतों का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता है, ऐसा नहीं करने पर उनके ऊपर ब्याज सहित जुर्माना लगाया जाएगा.

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जिन दवाओं की कीमतें तय की गई हैं, उनमें टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप और गैस्ट्रो से जुड़ी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं, साथ ही दिल के दौरे और स्ट्रोक को रोकने के लिए रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने के लिए ली जाने वाली दवाएं शामिल हैं.

एक अलग अधिसूचना में, एनपीपीए ने कहा कि उसने इस साल 30 सितंबर तक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन इनहेलेशन  की संशोधित अधिकतम कीमत बढ़ा दी है. एनपीपीए नियंत्रित थोक दवाओं और फॉर्मूलेशन की कीमतों को तय या संशोधित करने और देश में दवाओं की कीमतों व उपलब्धता को लागू करने के लिए काम करता है. यह विनियंत्रित दवाओं की कीमतों की निगरानी भी करता है ताकि उन्हें उचित स्तर पर रखा जा सके.

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