आषाढ़ माह का दूसरा प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) 11 जुलाई दिन सोमवार को है. यह सोम प्रदोष व्रत है. आइए जानते हैं सोम प्रदोष व्रत की तिथि और पूजा मुहूर्त के बारे में.
आषाढ़ माह का दूसरा प्रदोष व्रत या जुलाई का पहला प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) 11 जुलाई दिन सोमवार को है. पचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. यह व्रत सोमवार दिन को है, इसलिए यह सोम प्रदोष व्रत है. इस दिन व्रत रखने और भगवान भोलेनाथ की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, सोम प्रदोष व्रत रखने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है. चंद्रमा से जुड़ा दोष दूर होता है. जिनका चंद्रमा कमजोर हो, उन लोगों को सोम प्रदोष व्रत करना चाहिए. आइए जानते हैं सोम प्रदोष व्रत की तिथि और पूजा मुहूर्त के बारे में.
सोम प्रदोष व्रत तिथि 2022
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 11 जुलाई सोमवार को दिन में 11 बजकर 13 मिनट पर हो रहा है. यह तिथि अगले दिन 12 जुलाई शुक्रवार को सुबह 07 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी.
प्रदोष पूजा हमेशा शाम के समय में करते हैं. सोम प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त 11 जुलाई की शाम को प्राप्त हो रहा है, ऐसे में सोम प्रदोष व्रत इस दिन ही रखा जाएगा.
सोम प्रदोष व्रत 2022 पूजा मुहूर्त
11 जुलाई को सोम प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 22 मिनट से रात 09 बजकर 24 मिनट तक है. इस दिन आपको भगवान शिव की पूजा के लिए 02 घंटे से अधिक का समय प्राप्त होगा.
सर्वार्थ सिद्धि योग में सोम प्रदोष व्रत
सोम प्रदोष व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शुक्ल योग और ब्रह्म योग का संयोग एक साथ बना है. इस दिन शुक्ल योग सुबह से लेकर रात 09:02 बजे तक है, उसके बाद से ब्रह्म योग बनेगा. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05:31 बजे से सुबह 07:50 बजे तक है, वहीं रवि योग 12 जुलाई को प्रात: 05:15 बजे से सुबह 05:32 बजे तक है.
सोम प्रदोष के दिन जया पार्वती व्रत
सोम प्रदोष वाले दिन ही जया पार्वती व्रत भी है. इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन माता पार्वती की पूजा करने का विधान है.