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महाराष्ट्र

एकनाथ शिंदे बोले, लोग कैसे कह सकते हैं कि भाजपा सत्ता के पीछे है; उद्धव पर मढ़ा बालासाहेब के आदर्शों से भटकने का आरोप

Eknath Shinde News: शिवसेना के 55 में से 40 विधायकों के साथ-साथ 10 निर्दलीय विधायकों के एकनाथ शिंदे खेमे में शामिल होने के बाद उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सत्ता हासिल करने के लिए सरकारें गिराने के आरोपों के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य में शीर्ष पद उनके जैसे ‘छोटे कार्यकर्ता’ को देने के लिए शनिवार को अपने नए सहयोगी की प्रशंसा की. शिंदे ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘भाजपा के पास 115 विधायक हैं और लोगों ने महाराष्ट्र में भाजपा के मुख्यमंत्री की उम्मीद की थी. लोग कहते थे कि भाजपा सत्ता में आने के लिए अन्य दलों को तोड़ती है. मेरे पास 50 विधायक हैं. क्या लोग अब भाजपा के बारे में यही बात कह सकते हैं? वे ऐसी बात नहीं कर सकते. मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है.’

भाजपा कथित रूप से राज्यों में सरकारों को गिराने के लिए अक्सर विरोधियों के निशाने पर रहती है, खासतौर पर कर्नाटक और मध्य प्रदेश में चुनाव के बाद शासन में बदलाव के बाद. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद करने वाले शिंदे शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार में ढाई साल तक मंत्री रहे.

एकनाथ शिंदे ने की भाजपा की तारीफ
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ बैठक के बाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने से कुछ समय पहले शिंदे ने भाजपा की प्रशंसा की. उन्होंने उद्धव ठाकरे पर शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों से भटकने का आरोप लगाया. शिंदे ने कहा कि उन्होंने शिवसेना की ‘स्वाभाविक सहयोगी’ भाजपा से हाथ मिलाने का अनुरोध करने के लिए कम से कम तीन या चार मौकों पर ठाकरे तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन वह उन्हें समझाने में असफल रहे.

शिवसेना में बगावत के बाद उद्धव ठाकरे को देना पड़ा था इस्तीफा
शिवसेना के 55 में से 40 विधायकों के साथ-साथ 10 निर्दलीय विधायकों के शिंदे खेमे में शामिल होने के बाद ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. शिंदे अपने समर्थन वाले विधायकों को भाजपा शासित गुजरात के एक होटल में ले गए थे और वहां से उन्हें भाजपा शासित एक अन्य राज्य असम ले गए थे, जिससे महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट गहरा गया था. शिंदे के समर्थन विधायकों को विधानसभा के विशेष सत्र में नयी सरकार के विश्वास मत में हिस्सा लेने के लिए मुंबई ले जाने से पहले भाजपा शासित गोवा भेजा गया था.

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