भारत के उपराष्ट्रपति के पद पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा जगदीप धनखड़ को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी की राजनीति में व्यापक फेरबदल की संभावनाएं तेज हो गई हैं.
चितौड़गढ़। भारत के उपराष्ट्रपति के पद पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा जगदीप धनखड़ को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी की राजनीति में व्यापक फेरबदल की संभावनाएं तेज हो गई हैं. भारतीय जनता पार्टी के नीति निर्धारक और चाणक्य गृहमंत्री अमित शाह के अत्यंत नजदीकी सूत्रों के अनुसार संसद के मानसून सत्र के बाद राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष में फेरबदल होगा. प्रदेश अध्यक्ष के चेहरे के रूप में भारतीय जनता पार्टी युवा और ब्राह्मण चेहरे के रूप में चित्तौड़गढ़ के सांसद सी.पी. जोशी को पहली पसंद माना जा रहा है. इसके अलावा एक राज्यसभा से केंद्रीय मंत्री भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं.
आपको बता दें कि राजस्थान में कई सालों से एक किसान नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठ रही है. बीजेपी ने जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति का चेहरा बनाने के बाद सतीश पूनिया की कुर्सी तक पहुंचने की कवायद को कहीं ना कहीं झटका लगा है. वहीं, जातीय समीकरण को साधने की कवायद में राजस्थान में किसी जाट चेहरे के अलावा दूसरे चेहरे को पार्टी का सिरमौर बनाने के प्रयास तेज हो चलें हैं. ऐसे में यह साफ हो चला है कि बीजेपी जाट समाज का चेहरा सीएम के चेहरे के रूप में नहीं बनाना चाह रही है.
वहीं वसुंधरा राजे भी की सालों के अज्ञातवास के बाद अचानक वापस से सीएम की कुर्सी पाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही हैं. वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के भी कयास लगाए जा रहे हैं. अब देखना यह है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर कौन आसीन होता है. जातिगत समीकरण के हिसाब से इसका सीएम चेहरे पर क्या प्रभाव पड़ता है. हालांकि उपराष्ट्रपति पद पर धनखड़ के आने से सीएम चेहरा पहले से ही ऊपरी स्तर पर तय कर लिया गया माना जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि भाजपा बस समय का इंतजार है कर रही है कि वह चेहरा जनता के सामने पेश कर सके. हालांकि, यह चेहरा विपक्षी राजनीतिक दलों पर कितना दबाव कायम कर पाएगा ये आने वाला वक्त ही बताएगा.