हर देश की खुफिया एजेंसियों की नजर आम लोगों के चैट, वीडियोज और इंटरनेट एक्टिविटी पर रहती है. लेकिन किसी बाहरी मुल्क को ऐसा करने की इजाजत नहीं होती. ऐसे में भारत की इंटेलिजेंस एजेंसी, जैसे कि रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) इन दिनों विवादों में घिर गई है. दरअसल, रॉ, मॉरीशस में जाकर लोगों के इंटरनेट अकाउंट्स में तांक-झांक करने को लेकर विवादों में घिर गई है. हालांकि सिर्फ रॉ ही नहीं, दुनियाभर के देशों में कुछ ऐसी खुफिया एजेंसियां काम करती हैं, देश की सुरक्षा के लिये इंटरनेट की मॉनिटरिंग करती हैं. अमेरिका की भी एक ऐसी ही ऐजेंसी काम करती है, जिसे एनएसए के नाम से जाना जाता है
अमेरिका की खुफिया एजेंसी NSA ना केवल अपने देश में, बल्कि चीन और भारत के लोगों के ई-मेल या वॉट्सऐप चैट पर नजर रखती है. यहां तक कि वह चीन से ज्यादा भारत के लोगों के चैट, रील्स और ईमेल पर नजर रख रही है. यह बात NSA के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडन के लीक दस्तावेजों में सामने आ चुकी है. साल 2013 में लीक हुए एडवर्ड स्नोडन के दस्तावेजों में इस बात का जिक्र था कि अमेरिका पूरी दुनिया में फाइबर ऑप्टिक टैप के जरिये लोगों के इंटरनेट ट्रैफिक पर नजर रखता है.
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि अमेरिका की ये एजेंसी, चीन से ज्यादा भारत पर नजर रखती है. वह पाकिस्तान से भी डेटा इकट्ठा करती है. ये बात सामने आने के बाद भी भारत की किसी भी सरकार ने इसे मुद्दा नहीं बनाया और ना ही इस बारे में बात की. दरअसल, ऐसा इसलिये है, क्योंकि वह खुद भी आपके इंटरनेट की गतिविधियों पर नजर रखते हैं.