Champa Shashti 2022: अगहन माह या मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चंपा षष्ठी का व्रत रखा जाता है. इस दिन व्रत और पूजा करने से पाप मिटते हैं, कष्ट दूर होते हैं, संकटों का नाश होता है. जानते हैं चंपा षष्ठी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व.
Champa Shashti 2022: अगहन माह या मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चंपा षष्ठी का व्रत रखा जाता है. चंपा षष्ठी का व्रत मुख्यत: महाराष्ट्र और कर्नाटक में रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव और उनके बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा करने का विधान है. इस दिन व्रत और पूजा करने से पाप मिटते हैं, कष्ट दूर होते हैं, संकटों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं चंपा षष्ठी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.
चंपा षष्ठी 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का प्रारंभ 28 नवंबर दिन सोमवार को दोपहर 01 बजकर 35 मिनट से हो रहा है. यह तिथि अगले दिन 29 नवंबर मंगलवार को सुबह 11 बजकर 04 मिनट पर समाप्त हो रही है. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, चंपा षष्ठी का व्रत 29 नवंबर मंगलवार को रखा जाएगा.
रवि और द्विपुष्कर योग में चंपा षष्ठी
इस साल चंपा षष्ठी के दिन रवि योग और द्विपुष्कर योग बना हुआ है. इस दिन ध्रुव योग सुबह से लेकर दोपहर 02 बजकर 53 मिनट तक है. रवि योग सुबह 06 बजकर 55 मिनट से सुबह 08 बजकर 38 मिनट तक है, वहीं द्विपुष्कर योग सुबह 11 बजकर 04 मिनट से अगले दिन 30 नवंबर को सुबह 06 बजकर 55 मिनट तक है.
चंपा षष्ठी 2022 पूजा मुहूर्त
शुभ-उत्तम मुहूर्त: सुबह 06:45 बजे से सुबह 08:05 बजे तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त: दोपहर 12:06 बजे से दोपहर 01:26 बजे तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: दोपहर 01:26 बजे से दोपहर 02:46 बजे तक
चंपा षष्ठी का महत्व
चंपा षष्ठी के अवसर पर भगवान शिव के खंडोबा स्वरूप की पूजा की जाती है. किसान भगवान खंडोबा को अपने देवता के रूप में पूजा करते हैं. इस दिन भगवान शिव के मार्कंडेय स्वरूप की भी पूजा होती है. पूजा के समय शिवलिंग पर बाजरा, बैंगन, खांड, फूल, अबीर, बेलपत्र आदि चढ़ाया जाता है. इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा में चंपा का फूल चढ़ाते हैं. इस व्रत को करने से सुख, शांति और मोक्ष प्राप्त होता है.